नई दिल्ली । 2019 आम चुनावों में मोदी सरकार से टक्कर ले पाने में असफलता देखते हुए सभी विपक्षी पार्टियों ने एक साथ आकर मोदी को टक्कर देने का प्लान बनाया है। देश की राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस देश भर में विपक्षी पार्टियों को एक तरफ लाने की कोशिश कर रही है वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में भी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती एक साथ उत्तर प्रदेश की सीटों पर मोदी के खिलाफ उतरने का गठबंधन बनाती दिख रही है। वहीं दिल्ली की बात की जाए तो वहां के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविन्द केजरीवाल प्रधानमंत्री के विरूद्व गठबंधन के फेवर में नहीं दिख रहे है।
हरियाणा के रोहतक में संवाददाताओं से बातचीत में केजरीवाल ने यह बात कही। अरविंद केजरीवाल से पूछा गया कि गठबंधन की बातें चल रही हैं, कहा जा रहा है कि मोदी के ख़िलाफ़ सारा विपक्ष एकत्र होगा, क्या आप उसमे शामिल होंगे? इस पर केजरीवाल ने कहा मेरी सीधी राजनीति जनता की राजनीति है, जनता के विकास की राजनीति है जनता के हितों की राजनीति है, हमारी कोई गठबंधन को राजनीति नहीं हमारी सीधी जनता की राजनीति है।
दरअसल पिछले कुछ समय से अगले साल होने वाले आम चुनाव के लिए मोदी विरोधी महागठबंधन की चर्चाएं चल रही हैं। सिद्धांत रूप में सभी विपक्षी दल सहमत हैं कि अगर एकजुट हो कर चुनाव लड़ा जाए तो मोदी का विजय रथ रोका जा सकता है। चाहे बेंगलुरु में कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी की शपथ ग्रहण का मौका हो या बीते शनिवार दिल्ली के जंतर मंतर पर मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में 34 बच्चियों के साथ हुए यौन दुराचार के विरोध का मामला हो, केजरीवाल विपक्षी दलों के साथ जिस तरह खड़े दिखाई दिए उससे लग रहा था कि आप महागठबंधन के हिस्सा बन सकती है। लेकिन शायद इस संभावित महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस का उसको कम तवज्जो देना रास नहीं आया। राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव मामले में आप ने विपक्ष के उम्मीदवार को वोट देने की सिर्फ एक शर्त रखी कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी खुद केजरीवाल को फ़ोन करके वोट देने को अपील करें। कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं ने फ़ोन ज़रूर किया लेकिन राहुल गांधी ने नहीं इस मसले पर बात नहीं की। जिसके बाद आप ने उस चुनाव में हिस्सा ही नहीं लिया। यही नहीं दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन और दूसरे नेता भी लगातार आप पर हमले कर रहे हैं, जिसके बाद केजरीवाल ने यह बयान दिया।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली की सत्ता पर काबिज कांग्रेस को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरकर दिल्ली में रिकार्ड बहुमत के साथ सत्ता में आने वाली अरविन्द केजरीवाल की पार्टी आप अपने रास्ते से उलट जाती दिख रही है। उनकी सरकार के कई मंत्रियों पर गंभीर आरोप लगे है। वहीं दूसरी तरफ भ्रष्टाचार भी आप पार्टी में भी फैलता दिख रहा है उनके कई मंत्री और नेता भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हुए है। वहीं दूसरी तरफ अरविन्द केजरीवाल के अनुसार यह सब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और दिल्ली के एलजी के इशारे पर किया जा रहा है।