बांद्रा। रिपब्लिक TV के एडिटर अर्नब गोस्वामी की जमानत अर्जी पर आज बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि सभी पक्षों को सुने बिना जमानत पर फैसला नहीं दे सकते। इस तरह अर्नब की दूसरी रात भी अलीबाग नगर परिषद के एक स्कूल में बनी अस्थाई जेल में गुजरी।
हाईकोर्ट चाहता है कि अर्नब पर जिस डियाजनर को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है, उसकी पत्नी अक्षता और साथ ही महाराष्ट्र सरकार की बात भी सुन ली जाए। कोर्ट ने अर्नब से कहा कि अपनी अर्जी में अक्षता को भी शामिल करें।
डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने कहा था- गिरफ्तारी गलत लग रही
इससे पहले बुधवार को रायगढ़ जिला अदालत ने अर्नब को 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया। पुलिस ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में अर्नब की गिरफ्तारी गलत लग रही है। कोर्ट का यह कमेंट गुरुवार को सामने आया। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के फैसले के बाद अर्नब ने बुधवार को ही हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाकर कहा कि इस मामले में उनके खिलाफ दर्ज FIR भी रद्द होनी चाहिए।
अर्नब पर क्या आरोप और गिरफ्तारी कब हुई?
मुंबई में इंटीरियर डिजायनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुदिनी ने मई 2018 में आत्महत्या कर ली थी। सुसाइड नोट में अर्नब समेत 3 लोगों पर आरोप लगाए थे। सुसाइड नोट के मुताबिक अर्नब और दूसरे आरोपियों ने नाइक को अलग-अलग प्रोजेक्ट के लिए डिजायनर रखा था, लेकिन करीब 5.40 करोड़ रुपए का पेमेंट नहीं किया। इससे अन्वय की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई और उन्होंने सुसाइड कर लिया।
अन्वय के मामले में रायगढ़ पुलिस ने अर्नब को लोअर परेल इलाके में स्थित उनके घर से बुधवार सुबह करीब 6 बजे गिरफ्तार किया था। इस दौरान काफी हंगामा हुआ। अर्नब ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनसे मारपीट की।