नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद दिख रही है। लेकिन, इसके बावजूद देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर वित्त वर्ष 2020-21 में नकारात्मक अंकों या शून्य के करीब रह सकती है। सीतारमण ने ये बात मंगलवार को इंडिया एनर्जी फोरम ऑफ सेरावीक को संबोधित करते हुए कही।
सीतारमण ने कहा कि सरकार ने रोजगार की तुलना में जीवन को प्राथमिकता देते हुए 25 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया था। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन लागू करने से कोविड-19 की महामारी से मुकाबले की तैयारी के लिए वक्त मिल गया। वित्त मंत्री ने कहा अनलॉक के बाद मैक्रो-इकोनॉमिक संकेतकों में रिवाइवल यानी सुधार के संकेत देखने को मिले हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि त्योहारी सीजन की शुरुआत हो गई है, जिससे अर्थव्यवस्था को और गति मिलेगी। इससे चालू वित्त वर्ष के तीसरी और चौथी तिमाही में सकारात्मक वृद्धि की उम्मीद बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी वृद्धि दर नकारात्मक अंकों में या शून्य के आसपास रह सकती है।
उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में जीडीपी में 23.9 फसदी की गिरावट रही है। रिजर्व बैंक ने हाल ही में अपने मौद्रिक समीक्षा समिति की बैठक के बाद वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी में नकारात्मक अंकों में रहने की बात कही थी। वहीं, अधिकांश रेटिंग्स एजेंसियों फिच, मूडीज और विश्व बैंक तथा आईएमएफ ने भारत की जीडीपी में चालू वित्त वर्ष में 10 फीसदी तक की गिरावट की बात अपने पूर्वानुमान में जताया है।