गांधीनगर/अहमदाबाद। अरब सागर में कम दबाव के क्षेत्र बनने से अगले 12 घंटे में तूफान निसर्ग विकराल रूप धारण कर सकता है। इसके चलते भावनगर, अमरेली के 50 और सौराष्ट्र व दक्षिण गुजरात के 159 गांवों को अलर्ट कर दिया गया है। मछुआरों को समुद्र से दूर रहने के निर्देश दिए गए हैं।सूरत जिले में रहने वाले लोगों ने संभावित संकट से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। कई इलाकों में एनडीआरएफ और एक एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण गुजरात में 70 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने और भारी बारिश होने का अनुमान है। सूरत से 900 किलोमीटर दूर अरब सागर में बने कम हवा के दबाव के क्षेत्र से अगले 24 घंटे में चक्रवाती तूफान के विकाराल होने की आशंका है। तट से 710 किमी दूर तूफान के अगले छह घंटे बाद सूरत पहुंच सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार, 02 जून की रात को दमन और हरिहरेश्वर रायगढ़ के बीच तूफान गुजरने की संभावना है। इसका असर दक्षिण गुजरात पर पड़ेगा। मंगलवार और बुधवार को कई जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। सूरत जिले में 03 जून की शाम 70 से 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी। एक एनडीआरएफ और एक एसडीआरएफ टीम को सूरत में तैनात किया गया है।
सूरत के जिला कलेक्टर ने मछुआरों को समुद्र से वापस बुला लिया है। तूफान का प्रभाव सुवाली के तट पर दिखने लगा है। समुद्र में ऊंची लहरें उठने लगी हैं। साथ ही डुमस, सुवाली और डभारी में लोगों के समुद्र तट पर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जिला कलेक्टर ने समुद्र तट क्षेत्र के 32 गांवों को अलर्ट कर दिया है, जिसमें ओलपाड के 21 गांव, चौरासी के 7 गांव और माजुरा के 4 गांव शामिल हैं। लोगों को अपने घरों में ही रहने की सलाह दी गई है। निचले इलाकों और कच्चे घरों में रहने वाले लोगों को स्थानीय अधिकारियों ने आश्रय गृह में जाने की हिदायत दी है।