रायगढ़। अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान निसर्ग दोपहर करीब 1 बजे महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के अलीबाग में समुद्र तट से टकराया। इस दौरान इलाके में 125 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। तूफान से मुंबई का खतरा लगभग टल गया है। मुंबई में देर रात तक बारिश होने की संभावना है। इस दौरान हवा की रफ्तार 50 किमी प्रति घंटे रहने का अनुमान है। मौसम विभाग का कहना है कि अभी केंद्र में चक्रवात की तीव्रता 90 से 110 किमी प्रति घंटे है। अगले 4 से 5 घंटे में यह पूर्वोत्तर की ओर बढ़ेगा और कमजोर पड़ जाएगा।
इस बीच, मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट से शाम 7 बजे तक विमानों की आवाजाही रोक दी गई है। दरअसल, रनवे पर एक कार्गो प्लेन फिसल गया था जिसके बाद एहतियातन यह कदम उठाया गया।
- तूफान से दक्षिण मुंबई की एक रिहायशी बिल्डिंग का शेड उड़ा। मरीन ड्राइव के पास सीबीआई लेन पर पेड़ गिर गए, जिससे एक टैक्सी बुरी तरह क्षतिग्रस्त गई है।
- मौसम विभाग (कुबालाब) के डिप्टी डायरेक्टर कुष्णानंद होसालीकर ने बताया कि अलीबाग में तूफान टकराते समय यहां 125 किमी की रफ्तार से हवाएं चलनी शुरू हो गईं। यह तूफान रायगढ़ को पार कर मुंबई और ठाणे की और बढ़ रहा है। तूफान का असर करीब 3 घंटे तक रहने वाला है।
- महाराष्ट्र के 21 और गुजरात के 16 जिलों में तूफान का असर है। दोनों राज्यों में एनडीआरएफ ने एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। इस बीच, मुंबई के बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई।
- गुजरात के द्वारका में समुद्र में ऊंचा ज्वार उठा। पहले यह तूफान गुजरात के तट से भी टकराने वाला था, लेकिन मौसम विभाग ने बाद में यह अनुमान वापस ले लिया।
- निसर्ग तूफान में एक जहाज फंस गया और रत्नागिरी के भाटीमिर्या समुद्र तट पर पहुंच गया।
- तूफान से पहले मुंबई के ससून डॉक परिसर इलाके में समुद्र बहुत अशांत नजर आया। चूंकि यह मछुआरों का इलाका है। लिहाजा यहां पुलिस लगातार बाइक से गश्त कर रही है और लोगों को तट से दूर रहने की हिदायत दे रही है।
- बृहन्नमुंबई महानगरपालिका ने लोगों को सलाह दी है कि भारी बारिश के दौरान बेवजह घर से न निकलें। कार से निकलें तो उसमें हथौड़ी या कोई भारी औजर रखें, ताकि पानी में फंसकर कार का सेंट्रल लॉक जाम हो जाए तो कांच तोड़कर बाहर निकला जा सके।
- तूफान से पहले महाराष्ट्र के पालघर जिले में सभी उद्योगों और बाजारों को बंद कर दिया गया। मछुआरों से 4 जून तक समुद्र में न जाने को कहा गया।
- तूफान को देखते हुए पश्चिम नौसेना कमान ने अपनी सभी टीमों को सतर्क कर दिया। नौसेना ने 5 बाढ़ टीम और 3 गोताखोरों टीमों को मुंबई में तैयार रखा है।
सवाल-जवाब में समझें निसर्ग तूफान को
तूफान कहां उठा?
1 जून को अरब सागर के मध्य-पश्चिम तटीय क्षेत्र में कम दबाव का क्षेत्र बना, जो चक्रवात में बदल गया। तब यह कम दबाव का क्षेत्र मुंबई से 630 किमी दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम में था।
यह कहां और कब टकराया?
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के अलीबाग इलाके में बुधवार दोपहर 1 बजे टकराना शुरू हुआ। यहां से इसे गुजरने में 3 घंटे लगे।
इसका असर क्या हो रहा?
तूफान के असर से मुंबई और गोवा में बारिश हो रही है। बुधवार को मुंबई में 27 सेमी से ज्यादा बारिश होने का अनुमान है। समुद्र में 2 मीटर ऊंची लहरें उठीं। तूफान की आशंका वाले जिलों में बिजली-पानी की सप्लाई बंद की गई। दक्षिण गुजरात के वलसाड़, नवसारी, सूरत के अलावा दमन, दादरा और नगर हवेली में भी भारी बारिश का अलर्ट है। मध्यप्रदेश के भाेपाल, उज्जैन, इंदाैर, ग्वालियर संभाग के कुछ जिलाें और शहराें में भारी बारिश हो सकती है।
महाराष्ट्र में तूफान कितने साल बाद आया?
मौसम विभाग के साइक्लोन ई-एटलस के मुताबिक, 1891 के बाद पहली बार महाराष्ट्र के तटीय इलाके के आसपास साइक्लोन का खतरा मंडराया। इससे पहले 1948 और 1980 में ऐसे हालात बने थे, लेकिन वह चक्रवात में बदल पाया इसे लेकर मतभेद हैं।
दो हफ्ते में यह दूसरा तूफान कैसे?
21 मई को अम्फान तूफान आया था। इसने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटवर्ती इलाकों में तबाही मचाई थी। इसके दो हफ्ते बाद ही अब निसर्ग तूफान आया।
तूफान को निसर्ग नाम किसने दिया?
इस तूफान का निसर्ग नाम बांग्लादेश ने दिया। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बनने वाले तूफानों के नाम बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड देते हैं। भारतीय मौसम विभाग ने अप्रैल 2020 में चक्रवातों की नई सूची जारी की थी। इसमें निसर्ग, अर्णब, आग, व्योम, अजार, तेज, गति, पिंकू और लूलू जैसे 160 नाम शामिल हैं। पिछली लिस्ट का आखिरी नाम अम्फान था। यह नाम थाईलैंड ने दिया था।
केंद्र और राज्यों की क्या तैयारी रही?
महाराष्ट्र में 21 और गुजरात 22 टीमें एनडीआरएफ की तैनात की गईं। नौसेना ने मुंबई में 5 फ्लड रेस्क्यू टीम और 3 गोताखोर टीम तैनात कीं। दोनों राज्यों में एक लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया। दोनों राज्यों के 11 जिलों में अलर्ट है।