अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के जरिए ‘यादवों’ को सियासी संदेश

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के संस्थापक और अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव का निधन बीते साल अक्टूबर में हुआ था। लेकिन, लोकसभा में मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान नेताजी के निधन के 10 महीने बात फिर से उनका जिक्र हुआ. ये पूरा वाकया अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान हुआ, तब चर्चा में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे बोल रहे थे।

निशिकांत दुबे ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा, “मुलायम सिंह यादव जब यहां थे तो हमलोगों के लिए बहुत सम्माननीय थे. जब भी थे तो देश प्रेम की भावना थी और उनके ऊपर कोई चैलेंज नहीं कर सकता था। लेकिन मुलायम सिंह यादव की इमेज को किसने चौपट किया। अगर आप कहेंगे तो मैं सारे पेपर लेकर आया हूं कि विश्वनाथ चतुर्वेदी कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं। उन्हें पीआईएल दायर की थी और 2007 में मुलायम सिंह के ऊपर डिस्प्रापोर्शनेट (आय से अधिक संपत्ति) केस हुआ था।”

डिंपल यादव और अखिलेश यादव
डिंपल यादव और अखिलेश यादव

टैक्स केस की याद
बीजेपी सांसद ने आगे कहा, “इसी सदन में 2008 में आपको सीबीआई के डर से न्यूक्लियर डील में सपोर्ट किया या उन्होंने अपनी आइडियोलॉजी के कारण किया, ये आप जनता को बता दीजिए। उसके बाद आपने इनकम टैक्स का केस कर दिया और हमने नेताजी के साथ क्या किया। हमको पता था कि वो इमानदार आदमी हैं. हमें उनकी देश के प्रति भावना पता थी। हमें पता था कि वो पिछड़े, दलित और शोषित वर्ग से आते हैं, इस वजह से कांग्रेस ने उनके साथ ऐसा किया था।”

उन्होंने कहा, “हमलोगों ने सीबीआई के सारे केस को खत्म किया और आज मुलायम सिंह यादव के ऊपर कोई केस नहीं है, फिर भी मुलायम सिंह यादव हमारे विरोध में थे.” दरअसल, बीजेपी लगातार मुलायम सिंह यादव के जरिए उत्तर प्रदेश में यादव वोटर्स को टारगेट कर रही है। इसी साल नेताजी को सरकार ने मरणोपरांत पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मान कर, ऐसा ही संदेश देने का प्रयास किया था। बता दें कि नेताजी की छोटी बहू अपर्णा यादव भी बीजेपी में हैं।

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