अश्लील कंटेंट बनाकर भी कैसे बचते रहे रणवीर अलाहबादिया-समय रैना

‘उनके दिमाग में कुछ बहुत गंदा है, जिसे उन्होंने कार्यक्रम में उगल दिया। आपने जो शब्द इस्तेमाल किए हैं, उनसे माता-पिता शर्मिंदा महसूस करेंगे। पूरा समाज शर्मिंदा महसूस करेगा।’

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सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने ये बात सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर रणवीर अलाहबादिया के लिए कही। वे 18 फरवरी, सोमवार को रणवीर पर दर्ज FIR के मामले की सुनवाई कर रहे थे। रणवीर पर ये FIR पेरेंट्स पर किए अश्लील कमेंट्स की वजह से दर्ज हुई हैं। रणवीर ने ये कमेंट कॉमेडियन समय रैना के शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ में किया था। शो 8 फरवरी को रिलीज हुआ था।

रणवीर अलाहबादिया और समय रैना से पहले एक्ट्रेस शिल्पा शेट्‌टी के पति राज कुंद्रा और एकता कपूर इस तरह के मामलों में फंस चुके हैं। सोशल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट रोकने के लिए सरकार ने 2021 में गाइडलाइन बनाई थीं। एक्सपर्ट बताते हैं कि इसके बावजूद यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम, X पर अश्लील कंटेंट आ रहा है, क्योंकि IT एक्ट के एक नियम ने गाइडलाइंस को बेअसर कर दिया। सरकार और कोर्ट की सख्ती के बाद भी सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट क्यों नहीं रुक रहा। दरअसल, IT एक्ट के मुताबिक, कंटेंट की जिम्मेदारी उसके क्रिएटर की होती है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को उसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। इसलिए कंटेंट की निगरानी नहीं की जाती।

IT एक्ट में मिली छूट का फायदा उठा रहे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म समय रैना का शो यूट्यूब पर अपलोड किया जाता है। शो में बोल्ड कॉमेडी कंटेंट होता है। समय रैना के यूट्यूब चैनल के 73 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं। सरकार की गाइडलाइन के बावजूद अश्लील कंटेंट कैसे रिलीज किया जा रहा है, ये सवाल हमने सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट विनीत जिंदल से पूछा।

उनसे पता चला कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के सेक्शन-79 में मिली छूट का फायदा उठा रहे हैं। पढ़िए पूरी बातचीत…

सवाल: फेसबुक, यूट्यूब और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गाली-गलौज, अश्लील भाषा और वीडियो वाले काफी वीडियो हैं। इन पर एक्शन क्यों नहीं होता? जवाब: IT एक्ट की धारा-79 में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बड़ी छूट मिली है। ये खुद कंटेंट क्रिएट नहीं करते। थर्ड पार्टी कंटेंट क्रिएट करती है। वही अपलोड भी करती है। ऐसे में ये छूट मिली है कि उस प्लेटफॉर्म को किसी दूसरे की गलती की सजा न मिले। आसान भाषा में कहें तो किसी प्लेटफॉर्म ने खुद कोई कंटेंट नहीं बनाया है, लेकिन अगर उस पर केस बनता है, तो प्लेटफॉर्म को छूट मिलनी चाहिए।

रणवीर अलाहबादिया और समय रैना का केस अलग है। ये खुद कंटेंट क्रिएटर हैं। ये खुद बोल रहे थे। इसलिए इन पर सीधे केस बना है। इन्होंने उसे यूट्यूब पर अपलोड किया है। इस केस में यूट्यूब पर FIR दर्ज नहीं की गई है।

सवाल: रणवीर अलाहबादिया और समय रैना पर कौन सी धाराएं लगी हैं? जवाब: रणवीर अलाहबादिया और समय रैना के शो के वीडियो का एक पार्ट सोशल मीडिया पर शेयर हुआ। ये काफी वायरल हुआ। मैंने भी दिल्ली पुलिस से इसकी शिकायत की है। उसमें जिस तरह के शब्द का इस्तेमाल है, उसे हम कैमरे पर कह भी नहीं सकते।

माता-पिता और बच्चे के बीच जो संबंध है, उसे शो में अमर्यादित तरीके से कहा गया। हमने भारतीय न्याय संहिता की धारा-79, 294, 295, 296 समेत अलग-अलग धाराओं में शिकायत की है। दिल्ली पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा मुंबई में दर्ज FIR में 79, 196, 296, 299 और IT एक्ट-67 जैसी धाराएं लगी हैं।

सवाल: इनमें कौन सी धारा गैर जमानती है और कितनी सजा मिल सकती है? जवाब: सिर्फ धारा-296 गैर जमानती है। अगर सभी धाराओं को जोड़कर देखें तो अधिकतम 10 साल और न्यूनतम 3 महीने की सजा हो सकती है।

सवाल: किसी वीडियो में अश्लील भाषा का इस्तेमाल करना भी कानूनी तौर पर गलत है या अश्लील सीन का होना भी जरूरी है? जवाब: इसे समझने के लिए BNS की धारा-294 और 295 अहम है। इसमें अश्लीलता को परिभाषित किया गया है।

सवाल: क्या भारत सरकार ने ऐसा कंटेंट रोकने के लिए नियम बनाए हैं। कोई ये कंटेंट देखता है तो कैसे शिकायत कर सकता है? जवाब: भारत सरकार ने 2021 में एक गाइडलाइन बनाई थी। इसमें सोशल मीडिया की जवाबदेही तय की गई थी। इसे सोशल मीडिया रूल्स भी कहते हैं। इसमें बताया गया है कि किस तरह का कंटेंट दिखा सकते हैं और किस तरह का कंटेंट होना चाहिए। उसी आधार पर पिछले साल अश्लील कंटेंट दिखाने वाले कई ऐप्स बंद कराए गए थे।

कंटेंट पर नजर रखने के लिए ग्रीवांस सिस्टम है। सोशल मीडिया या दूसरे प्लेटफॉर्म पर अश्लील कंटेंट की शिकायत सूचना प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट पर की जा सकती है। प्लेटफॉर्म की वेबसाइट पर भी ग्रीवांस अफसर के ईमेल और फोन नंबर होते हैं। वहां भी शिकायत कर सकते हैं।

सवाल: क्या भारत सरकार ने ऐसा कंटेंट रोकने के लिए नियम बनाए हैं। कोई ये कंटेंट देखता है तो कैसे शिकायत कर सकता है? जवाब: भारत सरकार ने 2021 में एक गाइडलाइन बनाई थी। इसमें सोशल मीडिया की जवाबदेही तय की गई थी। इसे सोशल मीडिया रूल्स भी कहते हैं। इसमें बताया गया है कि किस तरह का कंटेंट दिखा सकते हैं और किस तरह का कंटेंट होना चाहिए। उसी आधार पर पिछले साल अश्लील कंटेंट दिखाने वाले कई ऐप्स बंद कराए गए थे।

कंटेंट पर नजर रखने के लिए ग्रीवांस सिस्टम है। सोशल मीडिया या दूसरे प्लेटफॉर्म पर अश्लील कंटेंट की शिकायत सूचना प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट पर की जा सकती है। प्लेटफॉर्म की वेबसाइट पर भी ग्रीवांस अफसर के ईमेल और फोन नंबर होते हैं। वहां भी शिकायत कर सकते हैं।

कंटेंट को लेकर सरकार की गाइडलाइन भारत सरकार ने 2021 में The Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Rules बनाया था। इसे 6 अप्रैल, 2023 को अपडेट किया गया। 30 पेज की गाइडलाइंस में सोशल मीडिया, फिल्म और वेब सीरीज के लिए नियम बताए गए हैं।

पेज नंबर-28 पर फिल्म, वेब सीरीज और एंटरटेनमेंट प्रोग्राम के लिए जनरल गाइडलाइंस है। इसमें टारगेट ऑडियंस के आधार पर कैटेगरी तय करना जरूरी है। ये चेतावनी देना भी जरूरी है कि आप क्या कंटेंट दिखा रहे हैं।

गाइडलाइंस के मुताबिक, OTT और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ग्रीवांस ऑफिसर रखने होंगे। कंटेंट कानून के हिसाब से होना चाहिए। उसमें सेक्स न हो, एंटी नेशन न हो और बच्चों-महिलाओं को नुकसान पहुंचाने वाला न हो।

इसकी निगरानी के लिए दो तरह के नियम हैं… पहला: सेल्फ रेगुलेटरी होना चाहिए। मतलब कंटेंट को अपलोड करने वाला सरकार की गाइडलाइंस का ध्यान रखेगा। इसके लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, OTT, मोबाइल एप्स खुद इनका ध्यान रखेंगे। ये जांचेंगे कि कोई कंटेंट गलत तो नहीं है। चाइल्ड पोर्नोग्राफी नहीं होनी चाहिए। ये भी देखेंगे कि सेक्शुअल कंटेंट किस लेवल का है और भाषा किस तरह की है।

दूसरा: अगर किसी को कंटेंट पर आपत्ति है, तो वो शिकायत कर सकता है। इसके लिए कंटेंट पब्लिश करने वाले प्लेटफॉर्म, वेबसाइट, एप पर शिकायत करने के लिए सिस्टम होगा। उस पर ग्रीवांस ऑफिसर का नाम, फोन नंबर और ईमेल आईडी होगी। कोई भी व्यक्ति उस पर शिकायत कर सकेगा।

शिकायत अधिकारी 24 घंटे में शिकायत रजिस्टर करेगा। शिकायत करने वाले को एक्नॉलेजमेंट देना होगा। शिकायत की तारीख से 15 दिनों के अंदर उसका हल करना होगा। अगर कंटेंट हटाने की जरूरत होगी, तो उसे हटाना होगा। शिकायत न सुनी जाए, तो सूचना प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट पर भी शिकायत कर सकते हैं।

अश्लील कंटेंट केस में फंसे सेलिब्रिटी राज कुंद्रा : मुंबई पुलिस ने 19 जुलाई, 2021 को एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा को पोर्न फिल्में बनाने और उन्हें वेबसाइट-एप्लिकेशन से डिस्ट्रीब्यूट करने के आरोप में अरेस्ट किया था। मुंबई पुलिस ने बताया कि क्राइम ब्रांच ने फरवरी, 2021 में एक केस दर्ज किया था। इस मामले में राज कुंद्रा के शामिल होने के पर्याप्त सबूत हैं।

इस मामले में कुंद्रा समेत 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने कोर्ट में बताया कि ‘राज कुंद्रा अपने एप हॉटशॉट के जरिए अश्लील वीडियो की डीलिंग कर रहे थे।’

एकता कपूर : 22 अक्टूबर को फिल्म मेकर एकता कपूर और उनकी मां शोभा कपूर के खिलाफ मुंबई के बोरीवली में पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। उन पर OTT प्लेटफॉर्म ‘ऑल्ट बालाजी’ की वेब सीरीज ‘गंदी बात’ में नाबालिगों से जुड़ा अश्लील कंटेंट दिखाने का आरोप लगा। ये सीरीज फरवरी से अप्रैल 2021 के बीच दिखाई गई थी।

एकता कपूर ऑल्ट बालाजी की फाउंडर हैं। हालांकि, तब उनकी कंपनी ऑल्ट डिजिटल मीडिया एंटरटेनमेंट लिमिटेड ने कहा था कि कंपनी सभी कानूनों का पूरी तरह पालन करती है।

बैन ऐप्स के वीडियो टेलीग्राम पर मिल रहे 12 मार्च, 2024 को सूचना प्रसारण मंत्रालय ने अश्लील कंटेंट दिखाने वाले 18 OTT प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक कर दिया। इनके अलावा 19 वेबसाइट, 10 ऐप और इनसे जुड़े 57 सोशल मीडिया अकाउंट्स भी बंद कर दिए। मंत्रालय के प्रेस नोट में सभी 18 OTT प्लेटफॉर्म के नाम भी दिए गए। प्रेस नोट में लिखा था कि अब इन्हें भारत में कहीं भी एक्सेस नहीं किया जा सकता।

हमारी पड़ताल में पता चला कि वेबसाइट और OTT प्लेटफॉर्म तो बंद हैं, लेकिन बैन किए गए 18 ऐप में से 11 का कंटेंट अब टेलीग्राम पर मिल रहा हैं। ऐप के नाम से चैनल बने हैं, जिन पर मार्च 2024 के बाद भी वीडियो पोस्ट किए गए हैं। वीडियो प्ले करने के लिए अलग से मोबाइल ऐप डाउनलोड कराया जा रहा है। इन ऐप पर 16 फरवरी, 2025 तक वीडियो अपलोड किए गए हैं।

नेटफ्लिक्स, ऑल्ट बालाजी और X के खिलाफ भी शिकायत पूर्व सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमिश्नर उदय महूरकर ने सोशल मीडिया और OTT पर अश्लील फिल्मों का मुद्दा कोर्ट में उठाया है। दैनिक भास्कर से बातचीत में वे बताते हैं, ‘हमने नेटफ्लिक्स, ऑल्ट बालाजी और X (अब ट्विटर) के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत की थी।’

उदय महूरकर बताते हैं,

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हमारी शिकायत पर FIR दर्ज नहीं की गई। तब मैं साकेत कोर्ट गया। इस मामले में 6 मार्च, 2025 को सुनवाई होगी। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को भी जवाब देने के लिए बुलाया है।QuoteImage

उदय महूरकर आगे कहते हैं, ‘दो OTT प्लेटफॉर्म पर अश्लील नहीं, पूरा पोर्न कंटेंट दिखाया जा रहा है। ये प्लेटफॉर्म भारत सरकार की गाइडलाइन को नजरअंदाज कर रहे हैं।

कॉमेडियन सुनील पाल बोले: अश्लील कॉमेडी करने वालों की शिकायत करेंगे दैनिक भास्कर ने रणवीर अलाहबादिया और समय रैना के मामले में कॉमेडियन सुनील पाल से बात की। वे कहते हैं, ‘ये अश्लील कॉमेडी करने वाले न कॉमेडियन हैं, न कलाकार हैं। ये कलंककार हैं। कहने के लिए ये कंटेंट क्रिएटर का अवॉर्ड लेते हैं, लेकिन इनके पास न कंटेंट है और न ये क्रिएटर हैं। इन्हें सजा होनी चाहिए।

राज्यसभा सांसद बोलीं- डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को ही सिस्टम बनाना होगा राज्यसभा सांसद और शिवसेना (उद्धव गुट) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अश्लील कंटेंट का मुद्दा संसदीय समिति के सामने उठाया था। वे कहती हैं, ‘हम सिर्फ एक शो की बात नहीं कर रहे हैं। रणवीर अलाहबादिया हो या और भी दूसरे ऐसे शो, सभी फ्रीडम ऑफ स्पीच का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।’

‘मेरा मानना है कि यूट्यूब, फेसबुक या जो भी डिजिटल प्लेटफॉर्म हो, इन्हें सेल्फ रेगुलराइजेशन की जिम्मेदारी समझनी होगी।

प्रियंका चतुर्वेदी आगे कहती हैं, ‘मेरा मानना है कि इसे रोकने के लिए अलग से नियम की जरूरत नहीं है। कंटेंट बना रहे लोगों को ही इसका ध्यान रखना होगा। सरकार हर चैनल की मॉनिटरिंग नहीं कर सकती। प्लेटफॉर्म को ही कम्युनिटी गाइडलाइंस फॉलो कराना पड़ेगा।’

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