आंकड़े तो यही कह रहे हैं कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए होगी घातक!

नई दिल्ली। भारत में कोरोना की दूसरी लहर भले ही कमजोर पड़ गई हो लेकिन कोरोना के हर दिन जो नये मामले आ रहे हैं वह चिंता बढ़ाने वाले हैं। आंकड़ों के देखकर ही विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर का खतरा अभी टला नहीं है।

मालूम हो लंबे समय से विशेषज्ञ कह रहे हैं कि कोरोना के तीसरे लहर का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर देखने को मिलेगा। भारत में काफी दिनों से कोरोना प्रतिबंधों में छूट मिली हुई है लेकिन दुनिया के कुछ देश ऐसे हैं जहां तीसरी लहर का खतरा पैदा हो गया है।

पिछले कुछ दिनों से इंडोनेशिया कोरोना की मार से आहत है। जिस तरह अप्रैल महीने में भारत का हाल था, वैसे ही इस समय इंडोनेशिया में माहौल है। लोग ऑक्सीजन, बेड और दवाइयों की कमी से अपनी जान गवां रहे हैं।

इतना ही नहीं इंडोनेशिया में सैकड़ों बच्चों की कोरोना से मौत हो रही है। मरने वाले कई बच्चों की उम्र तो पांच साल से भी कम थी। यहां केवल एक सप्ताह के अंदर ही 100 से ज्यादा मासूमों की मौत हो गई।

इंडोनेशिया में इस महीने एक सप्ताह में सौ से अधिक मौतें हुईं। इंडोनेशिया में कोरोना का तांडव चरम पर है। वहां अब कोरोना बच्चों पर अपना कहर बरपा रहा है। बीते शुक्रवार को वहां लगभग 50 हजार नए केस आए और 1,566 लोगों की मौत हो गई।

इंडोनेशिया में बाल रोग विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर देश के कुछ मामलों में 12.5 प्रतिशत मामले बच्चों के हैं। ये पिछले महीने की तुलना में अधिक है। अकेले 12 जुलाई के सप्ताह के दौरान कोरोना से 150 से अधिक बच्चों की मौत हो गई, इनमें से लगभग आधे बच्चे 5 साल से कम उम्र के थे। इंडोनेशिया में कुल 3 लाख से अधिक मामले और 83,000 मौतें हुई हैं।

कोरोना से 800 से अधिक बच्चों की मौत

इंडोनेशिया में कोरोना महामारी शुरू होने से लेकर अब तक 18 साल से कम के 800 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। लेकिन इनमें से ज्यादातर मौतें पिछले महीने हुई हैं।

यहां अस्पताल अपनी क्षमता से ज्यादा भरे पड़े हैं। कोरोना से जूझ रहे बच्चों के लिए अलग अस्पताल स्थापित किए हैं। लगभग दो तिहाई कोरोना संक्रमित लोग अपने घरों में क्वारंटाइन है, जिसकी वजह से बच्चों के संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है।

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