लखनऊ। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार मंगलवार की दोपहर अचानक राजधानी लखनऊ समेत राज्य के कई जिलों में तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश हुई। इस दौरान दिन में ही अंधेरा छा गया। साथ ही रुक-रुक ओले भी गिरे। लखनऊ के गोमतीनगर में आकाशीय बिजली भी गिरी। बैशाख महीने में अषाढ़ जैसी स्थिति से गेहूं, आम व सब्जी की फसलों की खेती करने वाले किसानों पर वज्रपात टूटा है। इससे पहले सोमवार को भी राज्य के 19 जिलों में धूल भरी आंधी के साथ बारिश हुई थी। इससे तापमान में चार डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है।
8 मई तक ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता बताते हैं कि ये बेमौसम बारिश पश्चिमी विक्षोभ की वजह से हो रही है। उत्तर पश्चिम के ऊपर दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। संभावना जताई जा रही है कि, अभी लोगों को आठ मई तक बेमौसम बारिश का सामना करना पड़ेगा।अगले 24 से 48 घंटों तक राज्य के अलग अलग हिस्सों में तेज बारिश के बीव ओलावृष्टि हो सकती है। अमौसी स्थित मौसम केन्द्र के अनुसार बीते 24 घंटों में अधिकतम तापमान 36.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रहा।
अन्नदाताओं पर मौसम की मार
मौसम की दगाबाजी बार-बार अन्नदाता की उम्मीदों पर पानी फेर रही है। मार्च में रिकॉर्ड तोड़ बारिश और अप्रैल-मई में ओलावृष्टि ने किसानों का गणित ही बिगाड़ दिया है। मंगलवार की दोपहर करीब ढाई बजे के बाद राजधानी लखनऊ और उसके आसपास जिलों में अचानक मौसम बदल गया। आसमान को काले बादलों ने अपनी गिरफ्त में ले लिया। तेज गड़गड़ाहट के साथ कुछ ही देर में ओले गिरने लगे। इस आंधी-पानी से रबी फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। आम की फसल भी चौपट हो गई है। ऐसे में कोरोना वायरस को लेकर लागू लॉकडाउन की मार झाल रहे किसान को चौतरफा विपदा का सामना करना पड़ रहा है।
आम की फसल बर्बाद
राज्य में करीब 90 फीसदी गेहूं की फसल कट चुकी है। करीब 10 फीसदी फसल खेतों में कटकर ढेर लगी थी। लेकिन बारिश के वजह से भीग गई। अब उनके अंकुरित होने का डर सता रहा है। वहीं, आम की फसल भी चौपट हो गई। आंधी-पानी के कारण बागों में पेड़ों से अमिया टूटकर गिर गई। सोमवार और मंगलवार को तेज हवाओं के साथ बारिश और ओला ने नुकसान को दोगुना कर दिया।
वैज्ञानिक बोले- जो बच गए आम, उनमें रोग लगने की संभावना कम
उप कृषि निदेशक डॉ. सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि माल, मलीहाबाद और काकोरी में तेज हवा के साथ बारिश और ओले पड़े। आम और फूलों की खेती को नुकसान हुआ है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह ने बताया कि आम में काले धब्बे और काली मक्खी रोग लगने लगा था। इसे रोकने के लिए कीटनाशक के साथ ही बाग की सिंचाई जरूरी है। बारिश होने से आम की फसल को फायदा हुआ है। रोग की आशंका कम होगी।