दुबई। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें सीजन के पहले मैच में एक ओर जहां दो सबसे सफल टीमों का सामना हुआ तो वहीं दूसरे मैच में आज दो ऐसी टीमें-दिल्ली कैपिटल्स और किंग्स इलेवन पंजाब आमने-सामने होगी, जिनका आईपीएल में प्रदर्शन निरंतर और ज्यादा खास नहीं रहा है।
पहले 11 सीजनों में अच्छा न करने वाली दिल्ली की फ्रेंचाइजी ने 12वें सीजन में अपना नाम बदल कर दिल्ली डेयरडेविल्स से दिल्ली कैपिटल्स कर दिया था और पिछले साल यह टीम सफल भी रही थी। वहीं पंजाब हमेशा से ऐसी टीम रही है जो लीग की शुरुआत से पहले कागजों पर तो मजबूत दिखती है लेकिन खिलाड़ी समय पड़ने पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं।
2019 में, सात साल के लंबे गैप के बाद दिल्ली ने प्लेऑफ में जगह बनाई थी लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) से हार गई थी। पिछले साल बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाद दिल्ली ने कप्तान श्रेयस अय्यर, विकेटकीपर ऋषभ पंत और कगिसो रबाडा सहित अपनी कोर टीम को बनाए रखा है।
टीम ने कुछ अंडर परफॉर्मर खिलाड़ी जैसे कोलिन मुनरो, कोलिन इनग्राम और क्रिस मौरिस को रिलीज कर दिया। इन लोगों के बदले में दिल्ली ने अपनी टीम में एलेक्स कैरी, जेसन रॉय को ला कर अपनी बल्लेबाजी को मजबूत किया। क्रिस वोक्स, मोहित शर्मा, ललित यादव, तुषार देशपांडे को भी टीम शामिल कर मजबूत किया है। फ्रेंचाइजी ने शिमरन हेटमायेर और मार्कस स्टोइनिस को भी महंगी प्राइस पर अपनी टीम में शामिल किया है।
इन लोगों के अलावा, दिल्ली ने अजिंक्य रहाणे, रविचंद्रन अश्विन को भी खरीदा है। दिल्ली के पास अक्षर पटेल, मार्कस स्टोइनिस और क्रिस वोक्स जैसे ऑलराउंडर हैं। तेज गेंदबाजी विभाग में रबाडा के अलावा ईशांत शर्मा, आवेश खान और हर्षल पटेल हैं।
2019 में दिल्ली को सफलता शिखर धवन, पंत और श्रेयस की बल्लेबाजी के दम पर मिली थी। यह तीनों सबसे ज्यादा रन बनाने वाले शीर्ष-10 बल्लेबाजों में शामिल रहे थे। गेंदबाजों में रबाडा ने 12 मैचों में 25 विकेट लिए थे। टीम प्रबंधन उम्मीद करेगा कि यह सभी इस सीजन भी वैसा ही प्रदर्शन करें जैसा पिछले सीजन में किया था।
दिल्ली ने अश्विन को अपने साथ जोड़ अपने स्पिन विभाग को मजबूत किया है। लेग स्पिनर अमित मिश्रा के साथ मिलकर अश्विन यूएई की धीमी और नीची रहने वाली पिचों पर बाकी टीमों के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं।
वहीं, पंजाब के पास हमेशा से शीर्ष स्तर के खिलाड़ी रहे हैं, लेकिन एक या दो संस्करणों को पीछे छोड़ दें तो अभी तक के सभी संस्करणों में टीम अपनी लय खो बैठती है। 2008 में खेले गए लीग के पहले संस्करण में टीम सेमीफाइनल में पहुंची थी और 2014 में उप-विजेता रही थी और फाइनल में केकेआर से हार गई थी।
किंग्स इलेवन पंजाब, दिल्ली कैपिटल्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के साथ तीसरी ऐसी टीम है जिसने अभी तक खिताब नहीं जीता है। इस बार ओपनर लोकेश राहुल टीम की कप्तानी कर रहे हैं। पंजाब ने ग्लेन मैक्सवेल, शेल्डन कोटरेल, जेम्स नीशाम, दीपक हुड्डा, रवि बिश्नोई, क्रिस जॉर्डन और ईशान पोरेल पर भरोसा दिखाया है।
किंग्स इलेवन के पास टॉप ऑर्डर में क्रिस गेल भी हैं और वह अकेले मैच का पासा पलट सकते हैं। गेल के प्रदर्शन में निरंतरता न रहना पंजाब के लिए समस्या हो सकती है। और अगर वह सीजन की शुरूआत में ही लय में आ जाते हैं तो वह किसी भी चुनौती को ध्वस्त कर सकते हैं।
काफी कुछ इस बात पर भी निर्भर करता है कि गेल और राहुल की ओपनिंग जोड़ी किस तरह से खेलती है। वहीं अनुभवी मोहम्मद शमी तेज गेंदबाजी का नेतृत्व करेंगे। उनका साथ देने के लिए टीम में हर्डस विजोलेन और कॉटरेल भी होंगे। स्पिन अटैक में बिश्नोई, मुजीब उर रहमान और मुरुगन अश्विन टीम के पास हैं।
जहां तक सपोर्ट स्टाफ की बात है तो वहां भी टीम के पास अनिल कुंबले के रूप में मुख्य कोच, जोंटी रोड्स जैसा फील्डिंग कोच, वसीम जाफर बतौर बल्लेबाजी कोच, सुनील जोशी बतौर स्पिन गेंदबाजी कोच के तौर पर हैं।
टीमें (सम्भावित) :
किंग्स इलेवन पंजाब – लोकेश राहुल (कप्तान), करुण नायर, मोहम्मद शमी, निकोलस पूरन, मुजीब उर रहमान, क्रिस गेल, मनदीप सिंह, मयंक अग्रवाल, हर्डस विजोलेन, दर्शन नालकंडे, सरफराज खान, अर्शदीप सिंह, हरप्रीत ब्ररार, मुरुगन अश्विन, के. गौतम, जे सुचीथ, ग्लेन मैक्सवेल, शेल्टन कॉटरेल, दीपक हुड्डा, ईशान पोरेल, रवि बिश्नोई, जेम्स नीशाम, क्रिस जॉर्डन, तेजिंदर ढिल्लन, प्रभसिमरन सिंह।
दिल्ली कैपिटल्स – श्रेयस अय्यर (कप्तान), अजिंक्य रहाणे, एलेक्स कैरी, जेसन रॉय, पृथ्वी शॉ, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), शिखर धवन, शिमरन हेटमायेर, अक्षर पटेल, क्रिस वोक्स, ललित यादव, मार्कस स्टोइनिस, कीमो पॉल, अमित मिश्रा, आवेश खान, हर्षल पटेल, ईशांत शर्मा, कागिसो रबाडा, मोहित शर्मा, रविचंद्रन अश्विन, संदीप लामिछाने, तुषार देशपांडे।