पूर्व भारतीय स्पिनर मुरली कार्तिक ने खुलासा किया है कि कैसे सौरव गांगुली ने पुणे वॉरियर्स इंडिया के शीर्ष अधिकारियों को अनुमति नहीं दी थी कि वो मुझे चेन्नई सुपर किंग्स में ट्रेड कर सकें। मुरली कार्तिक ने बताया कि शुरुआती दिनों में किस तरह सौरव गांगुली ने उनका साथ दिया। मुरली कार्तिक ने कहा कि दादा हमेशा चाहते थे कि उनकी टीम में कोई लेफ्ट ऑर्म स्पिनर जरुर हो। फिर चाहे वो आईपीएल खेल रहे हों या फिर अंतर्राष्ट्रीय स्तर का कोई मैच हो।
मुरली कार्तिक ने इन धारणाओं को भी सिरे से खारिज कर दिया कि उन्हें इसलिए टीम में जगह नहीं मिलती थी क्योंकि सौरव गांगुली लेफ्ट ऑर्म स्पिन को काफी अच्छी तरह से खेलते थे। कार्तिक ने कहा कि अगर सौरव गांगुली लेफ्ट ऑर्म स्पिनरों को बढ़िया तरीके से खेलते थे तो मैं केकेआर की टीम में 3 साल तक क्यों रहा। मुरली कार्तिक ने बताया कि कैसे सौरव गांगुली ने उन्हें पुणे वॉरियर्स इंडिया से चेन्नई सुपर किंग्स में ट्रेड नहीं होने दिया था।
मुरली कार्तिक ने कहा ‘ जब हम पुणे वॉरियर्स इंडिया की टीम में आए तो सौरव गांगुली ने मुझे चेन्नई सुपर किंग्स में ट्रेड होने की अनुमति नहीं दी। जिस साल रविंद्र जडेजा ट्रांसफर विंडो के तहत सीएसके में गए थे, उसी साल चेन्नई सुपर किंग्स फ्रेंचाइजी ने मुझसे और पुणे वॉरियर्स इंडिया के अधिकारियों से बात की थी। लेकिन दादा ने कहा कि मैं तुम्हे वहां जाने की इजाजत नहीं दूंगा।’
मुरली कार्तिक ने ये भी बताया कि किस तरह बुखार होने के बावजूद सौरव गांगुली ने उन्हें चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ जबरदस्ती मैच खिलाया था।
दादा ने मुझे पुणे में सीएसके के खिलाफ मैच में खिलाया। उन्होंने मुझसे कहा कि मैं खेलूं और उम्मीद करता हूं कि उस मैच का फुटेज होगा, ताकि पता चल सके कि कैसे उस मैच में मैं फुल स्लीव का स्वेटर पहनकर खेल रहा था, क्योंकि मुझे उस वक्त बुखार था। मैंने बुखार होने के बावजूद वो मैच खेला था। तो ये चीजें थीं, लोग जो कहते हैं वो सब झूठ है।’