आओ स्कूल चलें हम: थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही मिली शिक्षकों एवं बच्चों को स्कूल में इंट्री

लखनऊ। कोरोना महामारी के चलते 335 दिनों से बंद जूनियर हाई स्कूल (कक्षा- 6 से 8 तक) के विद्यालय बुधवार को खुल गए। स्कूल आने वाले बच्चों के चेहरे पर खुशी दिखी। इस दौरान बच्चे बहुत उत्साहित भी नजर आए। पहले दिन लखनऊ के उदयगंज क्षेत्र के चुटकी भंडार माध्यमिक विद्यालय में बच्चे स्कूल पहुंचे। गेट पर खड़े कर्मचारी के द्वारा शिक्षकों और बच्चों का तापमान चेक कर रजिस्टर पर नोट कराया गया।

इस बीच स्कूल आने वाली आयुषी ने कहा कि पापा की सहमित के बाद ही वो स्कूल आयी है और कोरोना को लेकर सर्तक रहने की हिदायत दी गई है।

शासन के निर्देश पर केवल 8वीं क्लास के ही बच्चे बुधवार को पहुंचे हैं। राजधानी लखनऊ में करीब 470 माध्यमिक विद्यालय हैं जिसमें 60 हजार बच्चों का पंजीकरण अध्ययन के लिए हुआ है। नगर निगम के स्कूल में मास्क बांटे जाने की व्यवस्था की गई है। प्रिंसिपल सुभ्रा पांडेय का कहना है कि शासनादेश के अनुसार विद्यालयों में सभी कोविड-19 का पालन किया और कराया जा रहा है। आज बुधवार के दिन कक्षा आठ में कुल 26 बच्चे में 50% उपस्थित मौजूद रहे।

डीएम अभिषेक प्रकाश ने बताया कि 470 माध्यमिक विद्यालय में आज से स्कूल खुलने के साथ ही सैनिटाइजेशन और वर्कर प्रोग्राम शुरू कराया गया। जिससे सभी लोग जागरूक होने के साथ अपने स्कूल का प्रबंधन आसानी से कर सकें। सैनिटाइजेशन करवाने के साथ सैनिटाइजर किया और टेम्परेचर मेजर करने के बाद ही स्कूल में एंट्री मिलेगी।

नगर निगम की मदद से साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन कराया गया है। इसके साथ ही शासन ने 10 फरवरी से सभी आवासीय विद्यालयों को खोले जो कक्षा 1 से 5 तक के विद्यालय एक मार्च से संचालित किये जायेंगे।

वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि सैनिटाइजेशन साफ-सफाई थर्मल स्कैनर आज के लिए कंपोजिट ग्रांट से 10% राशि खर्च करने की अनुमति दी गई है। उन्होंने बताया कि जूनियर एक कक्षा सप्ताह में दो बार तो वहीं निजी विद्यालय 6 से 8 तक की कक्षाएं रोजाना ऑफलाइन चलाएंगे। उन्होंने बताया कि बेसिक और माध्यमिक दोनों विभाग द्वारा मीटिंग की जाएगी।

परिषदीय विद्यालय में विद्यार्थी रोजाना करेंगे साफ-सफाई

परिषदीय विद्यालय के विद्यार्थी रोजाना साफ-सफाई करेंगे। हर विद्यार्थी को रोजाना 15 से 20 मिनट तक करनी साफ-सफाई होंगी। कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थी साफ-सफाई नहीं करेंगे। मेरा विद्यालय-स्वच्छ विद्यालय कार्यक्रम के तहत साफ-सफाई होंगी। स्कूलों को स्वच्छ और बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए योजना बनाई गई हैं। साफ-सफाई में शिक्षक भी योगदान करेंगे।

इन नियमों के साथ छह फीट की दूर पर बैठें बच्चे, बाहरी व्यक्तियों का न हो प्रवेश

  • 10 फरवरी बुधवार से विद्यालयों में पढ़ाई शुरू करने की अनुमति के साथ ही इस संबंध में कुछ जरूरी दिशा निर्देश पर स्कूल खुल गए हैं। सभी विद्यालय अनिवार्य रूप से इनका पालन करें। इन निर्देशों में कहा गया है कि सभी शिक्षकों‚ विद्यार्थियों और कर्मचारियों के लिये मॉस्क पहने रहना अनिवार्य होगा।
  • विद्यालय प्रबंधन को परिसर में ही अतिरिक्त मॉस्क रखने होंगे ताकि जरूरत होने पर किसी को उपलब्ध कराया जा सके। इसी तरह विद्यार्थियों को कम से कम 6 फीट की दूरी पर बिठाने‚ बच्चों को अपने मॉस्क एक दूसरे के साथ आदान प्रदान न करने के लिये शिक्षित करने और जहां तक संभव हो‚ स्कूल के छात्रों और स्टाफ के सदस्यों के लिये उपस्थिति‚ कक्षा में भागीदारी‚ ऑनलाइन प्रस्तुतियों और मूल्यांकन के लिये संपर्क रहित प्रक्रिया अपनाने जैसे निर्देश दिये गये हैं।
  • इसी तरह इन निर्देशों के अनुसार स्कूल परिसर में कोई भी बाहरी व्यक्ति या प्रवेश द्वार के पास खाने–पीने की वस्तुएं बेचने वाला कोई विक्रेता प्रवेश नहीं कर पायेगा। इसके साथ ही कोरोना काल में छात्रों के किसी भी मानसिक दबाव या भावनात्मक स्वास्थ्य की देखभाल के लिये काउंसलर शिक्षक या एक काउंसलर के नियमित दौरे की व्यवस्था की गई है।

पहले दिन से ही मिलेगा मिड डे मील

कक्षा 6 से 8 तक के विद्यालयों के शुरू होने के साथ ही विद्यार्थियों को पहले दिन से ही मिड़ डे मील भी उपलब्ध कराया जायेगा। इस सम्बंध में सभी को लिखे पत्र में बीएसए ने विद्यालयों के स्टाफ व मिड डे मील की आपूर्ति करने वाली संस्थाओं को निर्देश दिये। शहरी क्षेत्रों के विद्यालयों में पहले की तरह एनजीओ के माध्यम से ही मिड डे मील की आपूर्ति होगी। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में भी पूर्व की व्यवस्था के मुताबिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक पर ही मिड डे मील तैयार कराने की जिम्मेदारी डाली गई है।

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