चंडीगढ़। राज्य सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने और विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में तेजी लाने के उद्देश्य से पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह एकजुट प्रयास पर सहमत हो गए हैं।
दोनों नेताओं ने 10 सदस्यीय ‘रणनीतिक नीति समूह’ गठित करने पर सहमति व्यक्त की। यह फैसला शुक्रवार सुबह लिया गया, जब सिद्धू ने कुलजीत नागरा और परगट सिंह के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात कर पंजाब से जुड़े मुद्दों और पार्टी-सरकार के बीच तालमेल को मजबूत करने के कदमों पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित इस समूह में नवजोत सिद्धू, पार्टी के चार कार्यकारी अध्यक्ष कुलजीत सिंह नागरा, सुखविंदर सिंह डैनी, परगट सिंह, संगत सिंह गिलजियान व पवन गोयल के अलावा स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और सामाजिक सुरक्षा मंत्री अरुणा चौधरी को सदस्य बनाया गया है।
यह समूह जरूरत पड़ने पर अन्य मंत्रियों, विशेषज्ञों आदि के परामर्श से साप्ताहिक बैठकें करेगा। हालांकि इससे पहले यह समूह राज्य सरकार के विभिन्न कदमों की प्रगति पर चर्चा और उनकी समीक्षा करते हुए उनमें तेजी लाने के सुझाव भी देगा।
कैबिनेट मंत्री कांग्रेस भवन में हर रोज करेंगे बैठकें
एक अन्य फैसले में कैप्टन ने अपने कैबिनेट सहयोगियों को पंजाब कांग्रेस भवन में रोजाना बारी-बारी से, विधायकों और पार्टी के अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठकें करने का काम भी सौंपा ताकि उनके निर्वाचन क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जा सके और किसी भी शिकायत का समाधान किया जा सके।
एक-एक मंत्री सोमवार से 3 घंटे (सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक) के लिए कांग्रेस भवन में उपलब्ध रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह व्यवस्था सप्ताह में पांच दिन सोमवार से शुक्रवार तक होगी। उन्होंने कहा कि इससे 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए उनकी सरकार और पार्टी के पदाधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय में मदद मिलेगी।
असर दिखा गई हरीश रावत की घुड़की
शुक्रवार को सिद्धू का कैप्टन से जाकर मिलना और 10 सदस्यीय रणनीतिक नीति समूह का हिस्सा बनने पर सहमति जताने को पार्टी हाईकमान और हरीश रावत की घुड़की के असर के रूप में देखा जा रहा है। प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू अपने साथ कार्यकारी अध्यक्षों और महासचिव परगट सिंह को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे।
प्रदेश प्रधान बनने के बाद सिद्धू की कैप्टन से यह दूसरी मुलाकात है। दरअसल पंजाब कांग्रेस में सिद्धू और कैप्टन के बीच विवाद खत्म न होने के कारण हाईकमान ने बीते सप्ताह हरीश रावत को एक बार फिर यह मामला सुलझाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। इसके बाद हरीश रावत ने सिद्धू और कैप्टन से बारी-बारी फोन पर बातचीत की और हाईकमान के सख्त रवैये की जानकारी भी दे दी। रावत के अनुसार, उन्होंने दोनों नेताओं से कहा है कि हाईकमान अगर पावर दे सकता है तो पावर का बंटवारा भी कर सकता है।
रावत ने सिद्धू को यह सख्त हिदायत भी दी कि वे अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ सार्वजनिक बयानबाजी से बचें और मुख्यमंत्री के साथ सौहार्दपूर्ण माहौल बनाते हुए काम करें। वहीं, रावत ने कैप्टन से कहा था कि वे सिद्धू की बयानबाजी पर कोई प्रतिक्रिया न दें और विवाद को शांति से हल करने का प्रयास करें।