आखिर दिनेश शर्मा की जगह ब्रजेश पाठक को क्यों दी गई है अहमियत?

लखनऊ। योगी आदित्यनाथ ने आज राजधानी के इकाना स्टेडियम में दोबारा यूपी के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। योगी आदित्यनाथ को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई है।

समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी, कई केंद्रीय मंत्री और बीजेपी शासित राज्यों के सीएम शामिल हुए हैं। वही केशव प्रसाद और ब्रजेश पाठक ने डिप्टी सीएम पद के तौर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर दिनेश शर्मा की जगह ब्रजेश पाठक को क्यों डिप्टी सीएम बनाया गया है।

बात अगर पिछली योगी सरकार की जाये तो इसमें योगी ने अपनी टीम में जातीय समीकरण को मजबूत करने के लिए ब्राह्मण चेहरे के तौर पर लखनऊ के मेयर रहे डॉ दिनेश शर्मा और ओबीसी समुदाय से आने वाले केशव प्रसाद मौर्य सूबे का उप मुख्यमंत्री बनाया था लेकिन इस बार डॉ दिनेश शर्मा को इस बार योगी की नई टीम से बाहर कर दिया गया है। व

हीं ब्रजेश पाठक की बात की जाये तो उन्होंने 2017 में बसपा से किनारा कर बीजेपी का दामन थाम लिया था और लखनऊ मध्य सीट से जीत का परचम लहराते हुए विधायक बने थे। इसके बाद योगी ने अपनी टीम में उन्हें विधायी, न्याय एवं ग्रामीण अभियंत्रण सेवा की जिम्मेदारी सौंपी थी।

हालांकि उनका कद अब पहले से और ज्यादा बढ़ गया है। इसका नतीजा यह रहा कि उनको योगी की नई टीम में परमोशन मिल गया और उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

राजनीतिक के जानकारों की माने तो दिनेश शर्मा को इसलिए मौका नहीं दिया गया क्योंकि विपक्ष यूपी चुनाव के दौरान योगी आदित्यनाथ की छवि ब्राह्मण विरोधी तौर पर पेश करता रहा है।

वहीं विपक्ष के इस आरोपों को डिप्टी सीएम रहते हुए दिनेश शर्मा ने इसका जवाब मजबूती से नहीं दिया है और साथ में खुद दिनेश शर्मा ब्राह्मण नेता के तौर पर अपने आप को प्रभावी तौर पर पेश नहीं कर सके।

इस वजह से योगी की नई टीम में उनकी जगह नहीं बनी और उनके बदले बीजेपी शीर्ष नेतृत्व को ब्रजेश पाठक में ब्राह्मण नेता के तौर पर उनको डिप्टी सीएम बनाने पर अपनी मुहर लगायी है। वहीं ब्रजेश पाठक ब्राह्मण समाज के दमदार छवि वाले नेता के तौर पर पेश करने में कामयाबर रहे हैं।

इसका उदाहरण समझना है तो याद करिये 2017 में योगी सरकार बनने के बाद रायबरेली में ऊंचाहार विधानसभा क्षेत्र के अपटा गांव में पांच ब्राह्मणों को जलाकर मौत की नींद सुला दी गई थी तब दिनेश शर्मा इस मामले में उतने ज्यादा सक्रिय नजर नहीं आये लेकिन ब्रजेश पाठक ने इस मुद्दें को बड़े मंच पर उठाया। इसके बाद आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here