सोनभद्र। सोनभद्र पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के दशकों बाद भी प्रदेश में जिस वनटांगिया समुदाय को अधिकार नहीं मिल पाया था, वर्ष 2017 में भाजपा सरकार बनने के बाद उन्हें विकास की मुख्य धारा से जोड़ा गया, उनके गांवों को राजस्व ग्राम की मान्यता देकर लोकतंत्र में सहभागी बनाया गया। वनटांगिया गांवों में पहली बार चुनाव हुए।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जमकर सराहना के बाद कहा कि उन्होंने 15 नवम्बर की तिथि को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में रखा। और हमें अपने अतीत की गौरवशाली परम्परा से जुड़ने का अवसर भी दिया है। जनजाति समुदाय भारत का महत्वपूर्ण समुदाय है। उन्होंने कहा कि आज हर व्यक्ति जानता है कि आजादी के बाद पहली बार पूरी ईमानदारी के साथ बिना किसी भेदभाव के हर गांव, हर गरीब, हर किसान, हर नौजवान, हर महिला और समाज के प्रत्येक तबके को योजनाओं का जो लाभ मिला वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आने के बाद प्राप्त हुआ है।
विरोधी दलों का नाम ने लेकर मुख्यमंत्री ने निशाना साधते हुए सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने कहा कि ऐसे गाँव जहां विकास की कोई किरण नहीं पहुंची थी, उनको राजस्व गांव का दर्जा देकर लोगों को पी एम और सीएम आवास योजनाओं से पक्का मकान , पानी ,बिजली , राशन आदि की सुविधाओं से सीधा जोड़ा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय संस्कृति भारतीय विविधता में एकता का वास्तविक प्रतिनिधित्व करती है, इसे संजोकर रखने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि जनजाति समाज के लोगों को ईको टूरिज़्म से गाइड के रूप में जोड़ें। वनस्पतियों के मामले में उनके ज्ञान को आयुर्वेद के लोगों के साथ साझा करके एक दूसरे की जानकारी का लाभ देश और समाज को दिलवाए।
कार्यक्रम में सेवा कुंज प्रकल्प के राम लखन , सेवा समर्पण संस्थान के प्रांतीय अध्यक्ष एस राय, विधायक भूपेश चौबे,राम दुलार गोंड़, अनिल मौर्या,संजीव गोंड़,सांसद पकौड़ी लाल कोल,जिला पंचायत अध्यक्ष राधिका पटेल आदि की भी मंच पर मौजूदगी रही।