लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अठारहवीं विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों को सदन की कार्यवाही, नियमों और परंपराओं के बारे में प्रशिक्षण देने के लिए दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम का आज दूसरा दिन है। विधानसभा मंडप में शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बतौर मुख्य अतिथि इसका शुभारंभ किया था, आज शनिवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का उद्बोधन होगा। इस कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित विपक्ष के दिग्गज और पूर्व जनप्रतिनिधि भी विधायकों को सदन की कार्यवाही, संसदीय परंपराओं आदि का पाठ पढ़ाया जाएगा।
विधानसभा में यूपी के नवनिर्वाचित विधायकों का प्रबोधन कार्यक्रम शुरु हो चुका है। आज दो सत्रों में प्रबोधन-प्रशिक्षण कार्यक्रम होगा। पहला सत्र सुबह 11 बजे शुरु हुआ। पहले सत्र का आयोजन विधानभवन के तिलक हाल में किया जा रहा है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी कार्यक्रम में पहुंच चुकी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस कार्यक्रम में मौजूद हैं।
11.40 बजे विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने विधायकों को संबोधित किया। इसके बाद 12.10 बजे से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधायकों को सम्बोधित किया। राज्यपाल आनंदीबेन 12.40 बजे विधायकों को सम्बोधित करेंगी। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना 01.10 बजे धन्यवाद ज्ञापित करेंगे। 1.30 बजे से 02.00 बजे तक मध्यान्ह भोज चलेगा। फिर दोपहर दो बजे से दूसरा सत्र प्ररंभ होगा।
दूसरा सत्र ‘ई-विधान’ सुविधायुक्त विधान मंडप के अन्दर होगा। विधानसभा अध्यक्ष 02.05 बजे ई-विधान’ विषय प्रवेश कराएंगे। जिसके बाद 02.30 बजे से 04.30 बजे तक ‘ई-विधान’ प्रणाली के उपयोग का प्रशिक्षण होगा। 1.30 बजे से 02.00 बजे तक मध्यान्ह भोज चलेगा। फिर दोपहर दो बजे से दूसरा सत्र प्ररंभ होगा। दूसरा सत्र ‘ई-विधान’ सुविधायुक्त विधान मंडप के अन्दर होगा। विधानसभा अध्यक्ष 02.05 बजे ई-विधान’ विषय प्रवेश कराएंगे। जिसके बाद 02.30 बजे से 04.30 बजे तक ‘ई-विधान’ प्रणाली के उपयोग का प्रशिक्षण होगा। शाम को 04.30 विधानसभा अध्यक्ष महाना कार्यक्रम को समाप्त करेंगे।
बता दें कि ओम बिरला शुक्रवार को 18वीं विधानसभा के सदस्यों के प्रबोधन कार्यक्रम और ई – विधान व्यवस्था के शुभारंभ समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई थी की नारेबाजी, हंगामे के कारण सदनों की गरिमा दिन प्रतिदिन गिरती जा रही है। कहा कि सदनों की गरिमा बनाए रखने की जिम्मेदारी सदस्यों पर है। सदस्यों के आचरण, व्यवहार के आधार पर सदन की गरिमा और मर्यादा तय होती है। देश के बड़े नेता विधान मंडलों से निकले हैं और वे तर्कों के जरिये ही अपनी बात रखते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि तकनीक के इस्तेमाल से 25 करोड़ जनता के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। विधानसभा में ई-विधान लागू किए जाने के संदर्भ में उन्होंने सरकार के मंत्रियों और विधानसभा सदस्यों से पूर्ण मनोयोग से इसका प्रशिक्षण लेने और तकनीक का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने का सुझाव दिया । उन्होंने कहा कि हम तकनीक से भागे नहीं, उसे अंगीकार करें लेकिन उसके पिछलग्गू भी न बनें। जनप्रतिनिधि के रूप में फील्ड में जाकर जनता से संवाद करना हमारा प्रथम कर्तव्य है।
बता दें कि इसी माह की 23 तारीख से शुरू होने जा रहे विधानमंडल के बजट सत्र में विधानसभा मंडप का नजारा पूरी तरह से बदला होगा। विधानसभा मंडप में न सिर्फ सीटों की संख्या 379 से बढ़ कर 416 होगी बल्कि सदन के हर सदस्य के लिए सीट निर्धारित होगी। सदन की कार्यवाही भी स्मार्ट तरीके से संचालित की जाएगी।
पूछे जा सकेंगे तीन अनुपूरक प्रश्न : महाना ने बताया कि सर्वदलीय बैठक में सहमति बनी है कि चूंकि सदस्यों की ओर से पूछे जाने वाले प्रश्न और उत्तर टैबलेट पर उपलब्ध होंगे, इसलिए वे पढ़े माने जाएंगे। प्रत्येक प्रश्न के लिए दो अनुपूरक प्रश्न पूछने की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा तीसरा अनुपूरक प्रश्न नेता प्रतिपक्ष पूछ सकते हैं। यदि सदस्य सदन में अनुपस्थित है तो नियम-301 के तहत उसकी नोटिस नहीं स्वीकार की जाएगी।
विधानसभा की कार्यवाही इंटरनेट मीडिया पर भी : विधानसभा की कार्यवाही विधानसभा के पोर्टल, फेसबुक और यूट्यूब पर भी लाइव होगी। महाना ने बताया कि ई-विधान को राज्य सरकार के हर कार्यालय से जोड़ने का काम भी जारी है।