नई दिल्ली। सत्ता में आने के बाद से भाजपा सरकार का जोर निजीकरण पर रहा है। बैंक, रेलवे, एलआईसी, एयरपोर्ट समेत कई कंपनियों में सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचने में लगी हुई है। मोदी सरकार पिछले करीब दो सालों से संपत्ति बेचने की योजना बना रही है। पिछले महीने केंद्र सरकार ने पेश किए गए बजट में पहली बार संपत्ति के मुद्रीकरण की योजना को खुल कर पेश किया था।
अब केंद्र सरकार इस योजना को अमल में लाकर करीब 2.5 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य बना रही है। जिसके लिए 8 मंत्रालयों ने अपनी उन संपत्तियों का ब्योरा सामने रखा है, जिन्हें भविष्य में बेचा जा सकेगा। सूत्रों के अनुसार कोर सेक्टर की ज्यादातर संपत्तियों के साथ-साथ मोदी सरकार 150 से ज्यादा पैसेंजर ट्रेनों के संचालन का जिम्मा निजी कंपनियों को दे सकती है।
इसके अलावा दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ ज्वाइंट वेंचर में चलाए जा रहे एयरपोर्ट्स की इक्विटी हिस्सेदारी के विनिवेश की भी योजना है। इसके साथ दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम जैसे मैदानों को लीज पर दिए जाने का प्लान भी तैयार किया गया है।
दरअसल नीति आयोग साल 2021-24 के लिए राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन तैयार करने में जुटा है। मंत्रालयों से आयोग ने उनकी उस संपत्तियों की जानकारी मांगी है, जिन्हें मुद्रीकरण के लिए पाइपलाइन में शामिल किया जा सकता है।
जानकारी के अनुसार संपत्ति के मुद्रीकरण की प्रक्रिया को देखने वाले सचिवों का एक केंद्रीय समूह पिछले महीने ही मिला था। बैठक में 2021-22 के दौरान मुद्रीकृत किए जाने लायक संपत्तियों की पहचान की गई थी।
मालूम हो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में संपत्ति के मुद्रीकरण से जुड़े व्यापक पैमाने पेश किए थे। बताया गया है कि मोदी खुद निजीकरण और परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण को सरकार के कल्याण और विकास परियोजनाओं में खर्च करने की आवश्यकता के साथ जोडऩे से सहमत हैं।
150 पैसेंजर ट्रेनों का संचालन निजी कंपनियों को सौंपने की तैयारी
सूत्रों के अनुसार रेल मंत्रालय संपत्तियों के मुद्रीकरण के जरिए 2021-22 में 90 हजार करोड़ रुपए जटाने की योजना बना रहा है। इसके लिए रेलवे करीब 150 पैसेंजर ट्रेनों का संचालन निजी कंपनियों को सौंपने की तैयारी में है।
इतना ही नहीं रेलवे मार्च के अंत तक 50 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (क्रस्नक्क) और रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन (क्रस्नक्त) जारी कर सकता है।
वहीं सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय 7200 किमी सड़क के मुद्रीकरण की योजना बना रहा है। इसके अलावा मोदी सरकार एमटीएनएल, बीएसएनएल और भारतनेट की संपत्तियों से भी पैसा कमाने की योजना तैयार कर रही है।
बताया गया है कि टेलिकम्युनिकेशन डिपार्टमेंट ने कोर ग्रुप को को बता दिया है कि वह पहले ही बीएसएनएल की टॉवर सपंत्तियों और भारत नेट की ऑप्टिकल फाइबर के मुद्रीकरण पर काम कर रहा है।
हालांकि, कमेटी ने टेलिकॉम सेक्टर और बीएसएनएल की जमीन जैसी संपत्तियों के मुद्रीकरण में आ रही देरी को लेकर चिंता जताई है।
खेल और युवा मामलों के मंत्रालय ने भी खेल स्टेडियमों के मुद्रीकरण के जरिए बीस हजार करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। सूत्रों के अनुसार मंत्रालय ने इसके लिए संपत्तियों की पहचान करने की योजना बना ली है।
हालांकि, कमेटी ने मंत्रालय को जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम प्रोजेक्ट के लेन-देन से जुड़े सलाहकार की नियुक्ति के विषय में देखने को कहा है। माना जा रहा है कि यह स्टेडियम संचालन और मेंटेनेंस के लिए प्राइवेट कंपनियों को लीज पर दिए जा सकते हैं।
इसके अलावा पोत परिवहन मंत्रालय ने भी अब तक 30 ऐसे क्षेत्रों की पहचान कर ली है, जिनका वह पीपीपी मोड के जरिए मुद्रीकरण करने की योजना बना रहा है।
इन आठ मंत्रालयों के अलावा कुछ और मंत्रालय भी आने वाले समय में संपत्तियों के मुद्रीकरण की योजना में शामिल हो सकते हैं। इनमें कोयला मंत्रालय, खदान मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय शामिल हैं।