‘आतंकियों का सुरक्षित पनाहगाह बना पाक, हो रहा अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न’

नई दिल्ली। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की भारत के खिलाफ मानवाधिकारों को लेकर की गई गलत बयानबाजी के जवाब में कहा कि उसके यहां अल्पसंख्यक का खात्मा किया जा रहा है। असहमति की आवाज दबाने के लिए लोगों को गायब किया जा रहा और पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर में जनसंख्यिकी बदली जा रही है।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के आतंकवाद को दिए जा रहे समर्थन पर विश्व समुदाय का ध्यान केंद्रित कराया और कहा कि पाकिस्तान अभी वैश्विक आतंकियों का सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है। पाकिस्‍तान आतंकवाद को पाल रहा है और उसने 4 हजार आतंकियों के नाम को सूची से हटा दिया है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् में राइट टू रिप्लाई (जवाब देने के अधिकार) का प्रयोग करते हुए यूएन में स्थायी मिशन के प्रथम सचिव पवन बधे ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद जारी रखने के लिए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के अधिकृत क्षेत्र में पाकिस्तान लगातार आतंकियों के प्रशिक्षण शिविर और लंच पैड में इजाफा कर रहा है।

पाकिस्तान ने भारत पर अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने का आरोप लगाया था। उसके जवाब में भारत ने कहा कि यह जगजाहिर है कि पाकिस्तान अपने यहां अल्पसंख्यकों के साथ कैसा बर्ताव करता है। इसको लेकर अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भी अपनी चिंता व्यक्त कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर अन्य संप्रदाय के लोगों को मारा जा रहा है। पाकिस्तान में अहमदिया और इसाई लोगों को सताया जा रहा है।

भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि पाकिस्तान में आलोचना और असहमति को दबाने के लिए लोगों का जबरन गायब कर देना संस्थागत रवैया बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का झूठ और पाखंड इसी बात से साबित होता है कि पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर के क्षेत्र में भेदभाव पूर्ण डोमिसाइल कानून है, जिसके चलते बड़े स्तर पर बाहरी लोग आकर वहां बस रहे हैं।

हर चार में से तीन लोग वहां बाहर से आए हुए हैं। पाकिस्तान के अधिकृत क्षेत्र में लोगों के पास सामाजिक, राजनीतिक और संवैधानिक अधिकार न के बराबर है तथा गलत आर्थिक नीतियों के चलते वहां के लोग गरीबी में रहने पर मजबूर हैं।

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