आपदा में अवसर: मेकमायट्रिप को 300 करोड़ रुपए में खरीद रही है फ्लिपकार्ट

नई दिल्ली। देश की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट आर्थिक संकट में फंसी ऑनलाइन ट्रैवल और होटल बुकिंग कंपनी क्लीयरट्रिप को खरीद रही है। अमेरिकी रिटेलर वॉलमार्ट के मालिकाना हक वाली फ्लिपकार्ट यह डील अपने हॉस्पिटैलिटी कारोबार को मजबूत बनाने के इरादे से कर रही है।

क्लीयरट्रिप की कीमत 4 करोड़ डॉलर, ​​​​​​कैश और स्टॉक में होगी डील

सूत्रों के मुताबिक यह डील कैश और स्टॉक में होगी, यानी क्लीयरट्रिप के मालिकों को सौदे में नकदी और शेयर दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि फ्लिपकार्ट ने क्लीयरट्रिप की कीमत लगभग 4 करोड़ डॉलर लगाई है। सौदा अगले 10 दिन में हो जाने की उम्मीद है। सूत्रों ने बताया कि सौदा अंतिम चरण में है। इस महीने के अंत तक कंपनी का मैनेजमेंट बदल सकता है।

क्लीयरट्रिप से ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी में होगा सीधा दखल

सूत्रों ने कहा, ‘कोविड ने ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री की कमर तोड़ दी है। ट्रैवल बुकिंग कंपनियां अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पा रही हैं। क्लीयरट्रिप को खरीदने से ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी कारोबार में फ्लिपकार्ट का सीधा दखल हो जाएगा। इससे वह ट्रैवल बुकिंग के लिए इंश्योरेंस जैसे प्रॉडक्ट और पेमेंट सर्विस जैसी फाइनेंशियल सर्विसेज भी ऑफर कर सकेगी।’

2018 में फ्लिपकार्ट ने ट्रैवल बुकिंग सर्विस शुरू की थी

फ्लिपकार्ट ने 2018 में मेकमायट्रिप के साथ मिलकर ट्रैवल बुकिंग सर्विस शुरू की थी लेकिन पिछले साल ईजीगो का दामन थाम लिया था। इसने अपने प्लेटफॉर्म पर होने वाली फ्लाइट बुकिंग पर ट्रैवल इंश्योरेंस के लिए सितंबर 2020 में लिबर्टी जनरल इंश्योरेंस से करार किया था।

पांच महीने से चल रही थी बातचीत

सूत्रों का कहना है कि रिटेल और फैशन कारोबार को बड़ा करने के लिए ऑफलाइन कंपनियां खरीदने वाली फ्लिपकार्ट की नजर ट्रैवल बिजनेस पर बनी हुई है। जहां तक इस डील की बात है तो इसके लिए फ्लिपकार्ट और क्लीयरट्रिप की बातचीत पिछले पांच महीने से चल रही थी।

क्लीयरट्रिप की फंडिंग और कारोबारी विस्तार की कहानी

क्लीयरट्रिप ने 2016 में कॉन्कर टेक्नोलॉजीज और गुंड इनवेस्टमेंट से कुछ रकम जुटाई थी। इस तरह कंपनी की तरफ से जुटाई गई निवेश की कुल रकम 7.5 करोड़ डॉलर (563 करोड़ रुपए) हो गई थी।

खाड़ी देशों में कारोबार फैलाने के लिए क्लीयरट्रिप ने 2018 में सऊद अरब की ट्रैवल स्टार्टअप फ्लाइन को खरीदा था। क्लीयरट्रिप के दूसरे इनवेस्टर्स पहले ही निकल चुके हैं।

क्या यह है क्लीयरट्रिप के बिकने की बड़ी वजह?

एक सूत्र ने बताया कि कॉन्कर की पेरेंट SAP कुछ समय से उसका निवेश क्लीयरट्रिप से निकालने की कोशिश में जुटी थी। दरअसल, दिग्गज जर्मन ईआरपी कंपनी SAP ट्रैवल बिजनेस से फोकस हटा रही है। SAP ने 2014 में कॉन्कर को लगभग 8.3 अरब डॉलर (62,360 करोड़ रुपए) में खरीदा था।

बिजनेस फैलाने के लिए फ्लिपकार्ट कर रही शॉपिंग

जहां तक फ्लिपकार्ट की बात है तो उसने शॉपिंग एक्सपीरियंस को जानदार बनाने के लिए नवंबर 2020 में ऑगमेंटेड रियल्टी कंपनी स्कैपिक को खरीदा था। उसी महीने कंपनी ने अपने गेमिंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए मेक मोचा को खरीदा था।

फ्लिपकार्ट ने ऑफलाइन ब्रांड में भी निवेश किया है

फ्लिपकार्ट ने ऑफलाइन मार्केट में जगह बनाने और ऑनलाइन शॉपिंग में ज्यादा वेराइटी लाने के लिए ऑफलाइन ब्रांड में भी निवेश किया है। उसने आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल, अरविंद यूथ ब्रांड्स और यूनिवर्सल स्पोर्ट्सबिज में पैसा लगाया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here