नई दिल्ली। आयकर विभाग ने चालू वित्त वर्ष में अब तक 1.93 करोड़ करदाताओं को 1.95 लाख करोड़ रुपये से अधिक वापस किए हैं। इसमें से व्यक्तिगत आयकर मद में 1.90 करोड़ करदाताओं को 69,653 करोड़ रुपये तथा कंपनी कर मद में 2.17 लाख मामलों में 1.26 लाख करोड़ रुपये करदाताओं को लौटाए गए। विभाग ने कहा, ‘केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक अप्रैल 2020 से 22 फरवरी 2021 के बीच 1.93 करोड़ करदाताओं को 1,95,736 करोड़ रुपये से अधिक लौटाए।
कोरोना काल में करदाताओं के लिए ये बड़ी राहत की बात है। मालूम हो कि आयकर विभाग ने कहा था कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आत्मनिर्भर भारत योजना की घोषणा किए जाने के बाद से रिफंड वापसी की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है।
2020 में किसी को भी आयकर विभाग को रिफंड के लिए रिक्वेस्ट नहीं करनी पड़ी। सीबीडीटी ने कहा कि सभी टैक्सपेयर्स तुरंत ही ईमेल का जवाब दें, ताकि जिनको रिफंड नहीं मिल सका है, उन्हें भी इसका लाभ मिल जाए। प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन की गई।
करदाता अपने आयकर रिफंड की मौजूदा स्थिति जानने के लिए आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल अथवा एनएसडीएल की वेबसाइट पर जा सकते हैं। हालांकि, रिफंड के लिए आपका खाता पैन से जुड़ा होना जरूरी है। आयकर विभाग ने घोषणा की थी कि एक मार्च 2019 से केवल ई-रिफंड ही जारी किया जाएगा। यह केवल उसी बैंक खाते में जमा होगा जो पैन कार्ड से लिंक है और जिसका विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर पूर्व सत्यापन हो चुका है।
बजट में बुजुर्गों को दी थी यह छूट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021 में 75 साल से ज्यादा उम्र वाले बुजुर्गों को आयकर रिटर्न भरने से छूट का ऐलान किया था। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा था कि हम 75 साल या उससे कम उम्र वाले बुजुर्गों पर कानूनी पचड़ों का बोझ कम करने जा रहे हैं। हम ऐसे वरिष्ठ नागरिकों जिन्हें सिर्फ पेंशन और ब्याज से आय होती है, आयकर भरने से छूट देंगे। इन नागरिकों के भुगतानकर्ता बैंक ही उनकी आय पर लगाने वाला टैक्स काट लेंगे।