नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए देश के प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज का ऐलान किया था। इस राहत पैकेज को पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के लोगों के सामने रखा। इस बीच अब भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास आज सुबह दस बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की। रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास अपनी प्रेस कांफ्रेस में रेपो रेट में कटौती की हैं साथ ही लोन की किस्त देने पर 3 महीने की अतिरिक्त छूट दी गई है।
बीते 17 अप्रैल को कोरोना संकट और लॉकडाउन के मद्देनजर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने कई राहत का ऐलान किया था। रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई। अब रिवर्स रेपो रेट 4% से घटकर 3.75% हो गया है। आरबीआई ने मार्च में ऐलान किया था कि लोन की किश्त चुकाने में 3 महीने की छूट दी जाएगी। अब इसे 3 महीने और बढ़ा दिया है। यानी बैंकों को अगस्त तक लोन की ईएमआई वसूलने से रोक दिया है। ग्राहक खुद चाहें तो भुगतान कर सकते हैं, बैंक दबाव नहीं डालेंगे।
मायने : अगले 3 महीने तक ऐसे किसी भी व्यक्ति के खाते से किश्त नहीं कटेगी, जिन्होंने कर्ज ले रखा है। अगस्त तक किश्त नहीं भरेंगे तो इसे डिफॉल्ट नहीं माना जाएगा। हालांकि, इसके ये मायने नहीं हैं कि बकाया कभी चुकाना ही नहीं होगा, बल्कि बाद में पेमेंट करना होगा। यह उन लोगों को राहत देने के लिए है जिनके पास लॉकडाउन की वजह से वाकई नकदी की कमी हो गई है।
आरबीआई ने मार्च में बैंकों को छूट दी थी कि वे अगले तीन महीने तक वर्किंग कैपिटल लोन पर ब्याज नहीं वसूलें। इसे अगले 3 महीने और बढ़ा दिया है। वर्किंग कैपिटल लोन वह कर्ज होता है, जिसे कंपनियां अपने हर दिन के लिए खर्च के लिए लेती हैं। रेपो रेट पहले 4.40% था, अब 0.40% घटाकर 4% कर दिया गया है। रेपो रेट वह दर है, जिस पर बैंकों को आरबीआई से कर्ज मिलता है। बैंकों को सस्ता कर्ज मिलेगा तो वे ग्राहकों के लिए भी रेट घटाएंगे।
कोरोना संकट को देखते हुए एक्सपोर्ट क्रेडिट पीरियड 12 महीने से बढ़ाकर 15 महीने कर दिया गया है। यानी एक्सपोर्टर को कर्ज चुकाने के लिए 3 महीने ज्यादा मिलेंगे।
5. एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक के लिए 15,000 करोड़ की की क्रेडिट लाइन
ये बैंक एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट से जुड़े कारोबारियों को लोन देता है। कोरोनावायरस की वजह से एग्जिम बैंक को फंड जुटाने में दिक्कत हो रही है। इसलिए एग्जिम बैंक को 90 दिन के लिए 15,000 करोड़ रुपए का क्रेडिट दिया जाएगा। इसे एक साल तक बढ़ाया जा सकता है।
कॉर्पोरेट ग्रुप को उनकी नेटवर्थ के आधार पर बैंकों से कर्ज मिलता है। इस लिमिट को 25% से बढ़ाकर 30% कर दिया गया है। यानी किसी ग्रुप को अब 5% ज्यादा कर्ज मिल पाएगा। यह लिमिट पूरे ग्रुप के लिए है नाकि ग्रुप की किसी एक कंपनी के लिए।
इस रेट को 3.75% से घटाकर 3.35% कर दिया है। रिवर्स रेपो रेट यानी बैंकों को अपना पैसा आरबीआई के पास रखने से जो ब्याज मिलता है। इस रेट में कमी आने से बैंक आरबीआई के पास ज्यादा पैसा रखने की बजाय कर्ज ज्यादा बांटेंगे, इससे बाजार में नकदी बढ़ेगी। राज्यों सरकारों को कन्सॉलिडेटेड सिंकिंग फंड (सीएसएफ) के जरिए आरबीआई के पास एक तय रकम रखनी पड़ती है। ताकि, जरूरत पड़ने पर अपने कर्ज चुकाने और दूसरे जरूरी पेमेंट करने के लिए पैसा निकाल सकें। आरबीआई ने इस फंड से विड्रॉल के नियमों में छूट दी है। इससे राज्य इस वित्त वर्ष में 13,300 करोड़ रुपए एक्स्ट्रा निकाल सकेंगे।
आरबीआई गवर्नर के ऐलान की मुख्य बातें :
-ईएमआई चुकाने वाले ग्राहकों को आरबीआई ने बड़ी राहत दी है। रिजर्व बैंक ने लोन मोरैटोरियम की अवधि और 3 महीने के लिए बढ़ा दी है। अब लोग 31 अगस्त तक उठा सकेंगे लोन मोरैटोरियम का लाभ। इसी के साथ मोरेटोरियम की समय सीमा बढ़कर छह महीने हो गई है।
-रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एक्सपोर्ट क्रेडिट की अवधि 12 महीने से बढ़ाकर 15 महीने कर दी गई है।
-आरबीआई गवर्नर ने बताया कि बैंकों कि ग्रुप एक्सपोजर सीमा को 30 फीसद से बढ़ाने का फैसला लिया गया है।
-आरबीआई गवर्नर ने बताया कि 15,000 करोड़ रुपये का क्रेडिट लाइन एग्जिम बैंक को दिया जाएगा। साथ ही सिडबी को दी गई रकम का इस्तेमाल आगे और 90 दिनों तक करने की इजाजत दी गई है।
-आरबीआई गवर्नर ने बताया भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 9.2 अरब डॉलर बढ़ा है।
-दास ने कहा कि वित्तीय, मौद्रिक और प्रशासनिक एक्शंस से वित्त वर्ष 2021 की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था के सुधार की परिस्थितियां बनेंगी।
-आरबीआई गवर्नर ने बताया कि एमसीपी के अनुसार दूसरी छमाही में महंगाई में कमी का अनुमान है।
-आरबीआई गवर्नर ने बताया कि साल 2021की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ नेगेटिव रह सकती है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2021 दूसरी तिमाही में सुधार आ सकता है।
-मौद्रिक नीति समिति का मानना है कि महंगाई का परिदृश्य मौजूदा समय में अनिश्चित है। दास ने कहा कि मार्च में औद्योगिक उत्पादन 17 फीसद घटा है। अप्रैल में सर्विसेज पीएमआई अबतक के निचले स्तर पर रहा है।
-दास ने कहा, ग्लोबल सर्विसेज पीएमआई में ऐतिहासिक गिरावट देखी गई है। वैश्विक कारोबार के मूल्य में इस वर्ष 13-32 फीसद की कमी आ सकती है।