आरिफ मोहम्मद खान बोले- राजीव गांधी को तब ऐसा करने से रोका था

नई दिल्ली। केरल के राज्यपाल और प्रसिद्ध चिंतक आरिफ मोहम्मद खान का मानना है कि 34 साल बाद ही सही एक बड़ी भूल को सुधार लिया गया। यह बात उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय करने के संदर्भ में कही।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा शिक्षा मंत्रालय नाम दिए जाने फैसले के बाद केरल के राज्यपाल ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ के समूह सम्पादक को फोन कर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि यह बेहद जरूरी था और मोदी सरकार ने ऐसा करके बहुत प्रशंसनीय कार्य किया है। अब शिक्षा मंत्रालय अपने नाम के अनुरूप काम करेगा और उसी तरह से प्रतिष्ठा को प्राप्त करेगा।
उन्होंने बताया कि 1986 में जिस कैबिनेट की बैठक में शिक्षा मंत्रालय का नाम बदलने का प्रस्ताव आया था, तब मैं बतौर केन्द्रीय मंत्री उसमें मौजूद था। प्रधानमंत्री राजीव गांधी की अध्यक्षता में हो रही उस बैठक में जब शिक्षा मंत्रालय का नाम बदलकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय करने की प्रस्ताव पेश किया गया, तब मैंने इसका पुरजोर विरोध किया। इसे एक निर्रथक शब्द और बेकार की कवायद बताया था। मैंने शिक्षा शब्द के महत्व को भी बताया और मानव संसाधन से उसकी तुलना भी की। मेरा दुर्भाग्य कि उस समय मेरे किसी भी मंत्रिमंडलीय सहयोगी ने मेरा साथ नहीं दिया। राजीव गांधी के सलाहकारों ने जो सुझाया, मंत्रियों ने उस पर मुहर लगा दी।
उल्लेखनीय है कि आरिफ मोहम्मद खान ने शाहबानो केस में भी सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय पलटने का विरोध किया था और उसी के चलते राजीव गांधी मंत्रिमंडल से इस्तीफा भी दे दिया था। आरिफ मोहम्मद खान अपनी राष्ट्रवादी सोच, विद्वता और साफगोई के लिए पहचाने जाते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here