नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला ने सीतारमण आत्मनिर्भर भारत अभियान के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की 5वीं किस्त का रविवार को ऐलान किया। सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री के ऐलान के तहत आर्थिक पैकेज की आखिरी किस्त है। उन्होंने इस पैकेज के तहत मनरेगा, हेल्थ, शिक्षा, कारोबार, कंपनीज एक्ट, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और पीएसयू से जुड़े क्षेत्र पर जोर दिया। वित्त मंत्री ने प्रवासी मजदूरों के लिए उनके घर पर ही रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा के तहत 40 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त फंड का ऐलान किया।
पिछले चार दिनों में छोटे उद्योगों, किसानों, प्रवासी मजदूरों और रिफॉर्म पर जोर रहा। शनिवार को कोल, मिनरल, डिफेंस और एविएशन समेत कुल 8 सेक्टर से जुड़ी घोषणाएं की गई थीं।
जरूरतमंदों के लिए 3 महीने के अनाज की व्यवस्था की
- आज आखिरी किश्त का ऐलान कर रहे हैं। एक राष्ट्र के तौर पर हम बहुत अहम पड़ाव पर हैं। आपदा के समय भारत के लिए ये एक मौका है। हमें आत्मनिर्भर भारत बनाने की जरूरत है। आत्मनिर्भर भारत के मकसद से लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉ इन सभी पर राहत पैकेज में ध्यान दिया गया है।
- लॉकडाउन घोषित होते ही हम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज लाए। हमने जरूरतमंदों को अगले तीन महीने के अनाज की व्यवस्था की।
- चुनौतियों के बावजूद एफसीआई, नैफेड और राज्य सरकारों ने प्रवासी मजदूरों को खाने की व्यवस्था की। जो प्रवासी घर नहीं जा सकते थे, उनके लिए व्यवस्थाएं कीं। 8.19 करोड़ किसानों के खाते में 2000 रुपए की किश्त पहुंचाई।
हर स्तर पर लोगों को फायदा पहुंचाया
- चुनौतियों के बावजूद एफसीआई, नैफेड और राज्य सरकारों ने प्रवासी मजदूरों को खाने की व्यवस्था की। जो प्रवासी घर नहीं जा सकते थे उनके लिए व्यवस्थाएं कीं।
- 8.19 करोड़ किसानों के खाते में 2000 रुपए की किश्त पहुंचाई। 20 करोड़ जनधन खातों में 10 हजार 25 करोड़ रुपए पहुंचाए।
- 2.20 करोड़ बिल्डिंग-कंस्ट्रक्शन वर्करों के खाते में सीधे रकम पहुंचाई। 12 लाख से ज्यादा ईपीएफओ खाताधारकों को फायदा पहुंचाया।
- हमने खाद्यान, रसोई गैस के जरिए लोगों को तुरंत मदद पहुंचाई। जब लॉकडाउन बढ़ाया गया तो फ्री दाल और चावल अगले दो महीने के लिए बढ़ाया गया।
- ट्रेन में यात्रा के दौरान भी लोगों को खाना दिया। हमने लोगों की जिंदगी को प्राथमिकता दी। कोविड-19 के बाद की जिंदगी को ध्यान में रखकर भी पूरी मदद देना जरूरी है।
1. शिक्षा
- कोविड संकट में इंडस्ट्री को दिक्कत नहीं हो, इसका ध्यान रख रहे हैं। शिक्षा में बच्चे तकनीक के इस्तेमाल को पसंद कर रहे हैं।
- टीचर-स्टूडेंट्स के बीच लाइव सेशन किए जा रहे हैं। प्राइवेट डीटीएच प्रोवाइडर भी एजुकेशनल कंटेंट उपलब्ध करवा रहे हैं।
- पीएम ई-विद्या प्रोग्राम जल्द शुरू किया जाएगा। यह स्कूल एजुकेशन के लिए होगा। कक्षा 1 से 12वीं तक प्रति क्लास एक चैनल होगा।
- दिव्यांग बच्चों के लिए बेहतर गुणवत्ता वाला मटेरियल उपलब्ध करवाएंगे।
- टॉप-100 यूनिवर्सिटी को 30 मई तक ऑनलाइन कोर्स शुरू करने की इजाजत दी जाएगी।
2. मनरेगा
- मनरेगा का बजट अनुमान 61000 करोड़ था। इसके तहत रोजगार बढ़ाने के लिए 40 हजार करोड़ अतिरिक्त दिए जाएंगे।
- हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए खर्च बढ़ाया जाएगा। शहरी-ग्रामीण इलाकों में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाए जाएंगे। सभी जिलों में संक्रमण वाली बीमारियों के हॉस्पिटल होंगे।
3. कंपनीज एक्ट
- दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने के लिए कर्ज की सीमा 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए कर रहे हैं। अगले एक साल तक किसी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू नहीं की जाएगी। एमएसएमई को इसका ज्यादा फायदा होगा।
- एक्ट के तहत छोटी-छोटी गलतियों को आपराधिक श्रेणी में नहीं माना जाएगा। ऐसे 7 अपराधों को एक्ट से बाहर किया जाएगा। इसके लिए अध्यादेश लाया जाएगा।
- निजी कंपनियों को जो नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर को स्टॉक एक्सचेंज पर रखती हैं, उन्हें लिस्टेड कंपनी नहीं माना जाएगा। भारतीय कंपनियां विदेशी बाजार में सीधे लिस्टिंग करवा सकेंगी।
- पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज को लेकर नई पॉलिसी बनाएंगे। स्ट्रैटजिक सेक्टर की लिस्ट बनाई जाएगी। इनके बाहर जो कंपनियां रह जाएंगी, उनका सही समय पर निजीकरण करेंगे। इस योजना में विलय का प्रस्ताव भी शामिल है। स्ट्रैटजिक सेक्टर में कम से कम एक पब्लिक एंटरप्राइजेज बना रहे, इसका ध्यान रखेंगे।
4. कारोबार
- राज्यों और केंद्र का रेवेन्यू घट रहा है। इसके बावजूद हम लगातार उनकी मदद कर रहे हैं। हमने उनकी उधारी की लिमिट 3% से बढ़ाकर 5% की। इससे उनके लिए 4.28 लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त राशि की व्यवस्था हुई।
- राज्यों ने अभी तक अपनी लिमिट के मुकाबले सिर्फ 14% उधार लिया है, 86% लिमिट का इस्तेमाल ही नहीं हुआ।
वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड-19 की वजह से घाटे में गई कंपनियों के खिलाफ एक साल तक दिवालिया घोषित करने की कार्रवाई नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि देशव्यापी लॉकडाउन में अर्थव्यवस्था को संजीवनी देने के लिए ये पैकेज दिया जा रहा है। सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि ‘जान है तो जहान है।‘ उन्होंने कहा कि राष्ट्र नाजुक दौर से गुजर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम ने ये कहा था कि आपदा को अवसर में बदलने की जरूरत है।