आर्यन खान केस की ‘घटिया जांच’ करने वाले वानखेड़े पर लगे हैं ये 4 आरोप

नई दिल्ली। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के मुंबई क्षेत्र के पूर्व निदेशक समीर वानखेड़े की आलोचना हो रही है क्योंकि केंद्रीय एजेंसी की विशेष जांच टीम ने शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को ड्रग्स के मामले में क्लीन चिट दे दी है। खान ने इसके 20 दिन जेल में बिताए थे। सरकार ने समीर वानखेड़े के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है, जिन्होंने आर्यन खान को गिरफ्तार किया था।

एनसीबी ने आरोप पत्र में आर्यन खान का नाम शामिल नहीं किया था। साथ ही वानखेड़े द्वारा जांच के दौरान कोई मेडिकल परीक्षण और वीडियोग्राफी नहीं की गई थी।

आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े का एनसीबी में कार्यकाल 31 दिसंबर, 2021 को समाप्त हो गया था। इनका विवादों से पुराना नाता रहा है। महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने वानखेड़े के निजी और पेशेवर जीवन के बारे में कई विस्फोटक दावे किए थे।

जाली एससी प्रमाणपत्र: नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि समीर वानखेड़े ने जाली जाति प्रमाण पत्र जमा किया था और एक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित पद प्राप्त किया था।

नकली धर्म: मलिक ने आरोप लगाया गया कि वानखेड़े ने न केवल जाति प्रमाण पत्र को नकली बनाया बल्कि अपने धर्म को भी नकली बना दिया। समीर वानखेड़े की शबाना कुरैशी के साथ पहली शादी की तस्वीर को सार्वजनिक करते हुए महाराष्ट्र के मंत्री ने दावा किया कि समीर वानखेड़े एक मुस्लिम हैं। उनके पिता का वास्तविक नाम ज्ञानदेव दाऊद वानखेड़े है। ऐसा दावा किया गया था।

एक बार का मालिक: नवाब मलिक ने यह आरोप लगाया कि वानखेड़े नवी मुंबई में एक बार के मालिक हैं और उन्होंने केवल 17 साल की उम्र में बार का लाइसेंस प्राप्त किया था।

रंगदारी के लिए फर्जी छापेमारी: समीर वानखेड़े पर रंगदारी वसूलने के लिए फर्जी गवाहों की व्यवस्था कर फर्जी छापेमारी करने का आरोप लगा था। ऐसा ही आरोप आर्यन खान मामले में भी सामने आया था।

समीर वानखेड़े अब कहां हैं?
समीर वानखेड़े ने एनसीबी में अपने कार्यकाल के विस्तार की मांग नहीं की और राजस्व खुफिया निदेशालय में वापस चले गए जहां वह मूल रूप से तैनात थे। एनसीबी द्वारा आर्यन खान को क्लीन चिट देने के बाद वानखेड़े ने कहा कि वह इस मुद्दे पर टिप्पणी नहीं करेंगे क्योंकि वह अब एनसीबी का हिस्सा नहीं हैं।

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