आसाराम की फोटो लगाकर फंसे जेल अधीक्षक, DG जेल ने DIG को सौंपी जांच

शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जेल में रेप के दोषी आसाराम की फोटो लगाकर कैदियों को कंबल वितरण करने का प्रकरण तूल पकड़ने लगा है। DG जेल आनंद कुमार ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने DIG आरएन पांडे को जांच सौंपी है।

जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी अफसरों पर कार्रवाई के कयास लगाए जा रहे हैं। उधर, DM इंद्र विक्रम सिंह ने भी जेल अधीक्षक से जवाब तलब किया है। इसके अलावा जेल अधीक्षक के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने भी मोर्चा खोल दिया है।

विहिप जिला मंत्री ने जेल अधीक्षक को पापी कहा

विहिप जिला मंत्री राजेश अवस्थी ने जेल अधीक्षक को आसाराम का अनुयायी ही नहीं बल्कि पापी तक कह डाला। उन्होंने कहा कि पड़े लिखे अधिकारी को ऐसा नहीं करना चाहिए। आसाराम संगीन आरोप में जेल की सजा काट रहा है। उसके बाद जेल के अंदर जेल अधीक्षक की मौजूदगी में तस्वीर लगाकर उसका महिमामंडन, साहित्य और कंबल बांटे गए। ये बिल्कुल गलत है। तत्काल जेल अधीक्षक और संबधित कर्मचारियों को निलंबित किया जाए। अगर कार्रवाई नहीं हुई तो विहिप आंदोलन करेगा और जेल का घेराव भी करेगा।

आसाराम उम्रकैद की सजा काट रहा

आसाराम ने 2013 में शाहजहांपुर की ही एक छात्रा से रेप किया था। 2018 में राजस्थान की जोधपुर कोर्ट ने इस मामले में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

विहिप ने सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा ज्ञापन।
विहिप ने सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा ज्ञापन।

क्या था प्रकरण?

सोमवार को रेप के दोषी आसाराम की फोटो लगाकर जेल में कैदियों को कंबल बांटे गए। इसी शहर की लड़की के साथ रेप करने का आसाराम पर आरोप है। जेल प्रशासन ने प्रेस नोट जारी करके इसे सरकारी कार्यक्रम बना दिया। इसमें बताया गया कि लखनऊ स्थित आसाराम आश्रम की तरफ से कंबल भेजे गए हैं। अर्जुन और नारायण पांडेय की ओर से कंबल बांटे गए। हैरानी की बात है कि अर्जुन और पुष्पेंद्र आसाराम केस में गवाह की हत्या के आरोपी हैं। वे इसी जेल में बंद रहे हैं और फिलहाल जमानत पर हैं।

मामले ने तूल पकड़ा तो जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने मामले पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि रेप केस के गवाह की हत्या के आरोपी जमानत पर बाहर हैं। उन्होंने बंदियों को कंबल बांटने की इच्छा जताई थी, इसलिए इजाजत दे दी गई।

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