अगर आपके पास जीवन बीमा पॉलिसी है तो पैसों की जरूरत पड़ने पर आप उस पर लोन ले सकते हैं। लोन की रकम पॉलिसी के प्रकार और उसकी सरेंडर वैल्यू पर निर्भर करती है। पॉलिसी पर पर्सनल लोन की तुलना पर आसानी से और कम ब्याज पर लोन मिलता है। हम आपको जीवन बीमा पॉलिसी पर लोन के बारे में बता रहे हैं…
सरेंडर वैल्यू क्या है?
लाइफ इंश्योरेंस के मामले में पूरी अवधि तक चलाने से पहले पॉलिसी सरेंडर करने पर आपको प्रीमियम के तौर पर चुकाई गई रकम का कुछ हिस्सा वापस मिल जाता है। इसमें चार्ज काट लिए जाते हैं। यही रकम सरेंडर वैल्यू कहलाती है।
बीमा पॉलिसी पर लोन लेने के 3 फायदे
- क्रेडिट स्कोर की जरूरत नहीं: जब आप किसी इंश्योरेंस पॉलिसी पर लोन लेते हैं, तो आपको क्रेडिट चेक से नहीं गुजरना पड़ता है। इसका मतलब है कि यदि आपका क्रेडिट स्कोर कम है या कोई क्रेडिट स्कोर नहीं है, तब भी आपको आसानी से लोन मिल जाएगा।
- पर्सनल लोन के मुकाबले कम ब्याज दर: बीमा पॉलिसियों पर लोन की ब्याज दरें आम तौर पर क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन जैसे अन्य प्रकार के लोन्स की तुलना में कम होती हैं। बीमा पॉलिसी पर लोन की ब्याज दर 10-13% हो सकती है।
- रिपेमेंट का कोई शेड्यूल नहीं: अन्य लोन्स के विपरीत, आपके पास आमतौर पर बीमा पॉलिसी पर लिए गए लोन के रिपेमेंट का कोई फिक्स्ड शेड्यूल नहीं होता है। आप अपने हिसाब से लोन का पेमेंट कर सकते हैं। बस आपको ब्याज चुकाते रहने होगा।
लोन के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर लोन के लिए आवेदन फॉर्म के साथ आपको ओरिजिनल पॉलिसी डॉक्युमेंट्स जमा करने होंगे। लोन की रकम प्राप्त करने के लिए एक कैंसिल चेक आवेदन फार्म के साथ लगाना होगा। जिस अकाउंट का चेक आपने दिया है उसे में पैसा ट्रांसफर होगा।