तेहरान। ईरान के टॉप न्यूक्लियर साइंटिस्ट मोहसिन फखरीजादेह (Mohsen Fakhrizadeh) की शुक्रवार को तेहरान में गोली मारकर हत्या कर दी गई। ईरान ने हत्या का आरोप इजराइल और अमेरिका पर लगाया है। 7 अगस्त को तेहरान में ही अल कायदा के नंबर दो अबु मोहम्मद अल मासरी की भी इसी तरह हत्या हुई थी। तब भी हत्यारों का पता नहीं लगा था और अब भी इनके बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने सिर्फ 13 दिन पहले एक स्पेशल रिपोर्ट में मासरी की पहचान और उसकी हत्या के बारे में खुलासा किया था। इसके पहले इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। अब न्यूक्लियर साइंटिस्ट की हत्या के मामले में भी शक इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद पर जताया जा रहा है।
मोसाद की हिट लिस्ट में सबसे ऊपर थे मोहसिन
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, मोहसिन फखरीजादेहईरान के न्यूक्यिर प्रोग्राम का सबसे अहम हिस्सा थे। अमेरिका, इजराइल, नाटो और अरब देश इस प्रोग्राम के सबसे ज्यादा खिलाफ हैं। इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद मोहसिन की टारगेट लिस्ट में नंबर एक पर थे। एक दशक पहले मोहसिन के कुछ करीबी साइंटिस्ट्स की हत्या कर दी गई थी।
इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी के एक्सपर्ट्स ने ईरान से कई बार कहा कि वे मोहसिन से पूछताछ करना चाहते हैं, लेकिन ईरान ने कभी इसकी मंजूरी नहीं दी। मोहसिन खुद को इमाम यूनिवर्सिटी का स्कॉलर बताते थे।
सच्चाई छिपा रहा था ईरान
ईरान सरकार का भी दावा रहा है कि मोहसिन तो स्कॉलर और प्रोफेसर हैं। लेकिन, 2007 में अमेरिकी खुफिया एजेंसी C.I.A. ने तब के राष्ट्रपति जॉर्ज बुश को एक रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें साफ तौर पर कहा गया था कि ईरान सरकार मोहसिन की सच्चाई छिपा रही है। मोहसिन ही ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम की कमान संभाल रहे हैं। 2008 में मोहसिन की दूसरे देशों में प्रॉपर्टीज भी जब्त कर ली गईं थीं।
प्रोजेक्ट 110 और 111
2008 में ही पता लगा कि मोहसिन दो सीक्रेट प्रोजेक्ट्स (कोड नाम 110 और 111) पर काम कर रहे हैं। वो छोटे वॉरहेड बनाने की तैयारी कर रहे हैं, जिन्हें मिसाइलों पर फिट किया जा सके। इजराइल ने 2018 में इस मिशन की तमाम डीटेल्स हासिल कर लीं थीं। इसके बाद इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक मीटिंग में साफ कर दिया था कि फाखरीजादेह ही ईरान के न्यूक्यिलर प्रोग्राम को लीड कर रहे हैं। नेतन्याहू ने इस मीटिंग में मोहसिन की फोटो भी दिखाई थी।