इजरायली हमले रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र को हस्तक्षेप करना चाहिए: मदनी

नयी दिल्ली – जमीयत उलमा-ए-हिंद (जेयूएच) के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने गाजा पर इजरायली आक्रामकता की निंदा करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, मुस्लिम विश्व लीग और अन्य प्रभावशाली अंतरराष्ट्रीय संगठनों को शीघ्र अति शीघ्र हस्तक्षेप करना चाहिए तथा वहां शांति स्थापित करने के लिए सकारात्मक और प्रभावी प्रयास करना चाहिए।

मदनी ने विश्व के सभी नेताओं से अपील की है कि वे गाजा में चल रहे दुखद युद्ध और आबादी पर हो रही खतरनाक बमबारी को तुरंत रोकने के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, मुस्लिम विश्व लीग और अन्य प्रभावशाली अंतरराष्ट्रीय संगठनों को बिना किसी देरी के हस्तक्षेप करना चाहिए तथा वहां शांति स्थापित करने के लिए सकारात्मक एवं प्रभावी प्रयास करना चाहिए।

उन्होंने यहां जारी एक बयान में कहा,“इजरायल एक हड़पने वाला देश है जिसने कुछ विश्व शक्तियों के समर्थन से फिलिस्तीन की ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया है और वे अब इस जमीन से फिलिस्तीनी लोगों का अस्तित्व खत्म करने वाले हैं।”

उन्होंने गाजा पर इजरायली सेना की आक्रामकता की निंदा करते हुए कहा कि यह युद्ध इजरायल की स्थायी आतंकी योजनाओं का हिस्सा है। उन्होंने कहा,“अंत में, एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया के रूप में, फिलिस्तीनियों ने अत्यधिक साहस और बहादुरी दिखाई तथा अत्याचारी इजरायल पर जवाबी हमला किया, जिसकी इजरायल कल्पना भी नहीं कर सकता था।”

उन्होंने कहा,“जेयूएच गाजा पर हुए हमलों को मानवाधिकारों पर गंभीर हमला मानता है और इसकी कड़ी निंदा करता है। अफसोस की बात है कि आज दुनिया के वो देश भी इस क्रूरता पर चुप हैं जो वैश्विक शांति और एकता के नेता होने का दावा करते हैं। साथ ही वे अंतरराष्ट्रीय संगठन भी चुप हैं जो लगातार मानवाधिकारों के लिए आवाज उठाने का लक्ष्य रखते हैं।”

जेयूएच अध्यक्ष ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो इस युद्ध का दायरा बढ़ सकता है और यह पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले सकता है। उन्होंने इस बात पर भी गहरा अफसोस व्यक्त किया कि एक तरफ निर्दोष नागरिक मारे जा रहे हैं और दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की हालिया बैठक कुछ प्रमुख शक्तियों की उदासीनता के कारण विफल रही है।

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