इटावा। जनपद में 19 अप्रैल को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदान होना है। 8 अप्रैल यानी आज नामांकन दाखिल करने के लिए आखिरी दिन है। लेकिन इसे पहले कांग्रेस-बसपा ने अपने जिला पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशियों की घोषणा करके पंचायत चुनाव की सरगर्मियां बढ़ा दी हैं। उत्तर प्रदेश के इटावा जनपदवासियों के लिए चुनाव इसलिए भी अहम माना जाता है, क्योंकि सूबे मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी का इस सीट पर लगातार 1989 से कब्जा है।
निवर्तमान अध्यक्ष बोले- यह चुनाव विधानसभा मुकाबले का ट्रायल
उत्तर प्रदेश में 1989 के बाद से भारतीय जनता पार्टी के अलावा समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की सरकारें आती-जाती रहीं। लेकिन जिला पंचायत सीट पर सपा का ही कब्जा बना रहा। इस बार फिर से अभिषेक यादव चुनाव लड़ रहे हैं। वे निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। अभिषेक का कहना है कि यह चुनाव उनके लिए 2022 विधानसभा चुनाव का ट्रायल है। लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी इस बार सपा का 32 वर्षों चला आ रहा वर्चस्व तोड़ने के लिए पूरी तैयारी से जुटी हुई है।
कांग्रेस कभी वजूद में नहीं आ सकी
बसपा, कांग्रेस का वर्षो से इस चुनाव में कोई वजूद नहीं रहा है। लेकिन नामांकन के आखिरी दिनों में दोनों पार्टियों ने अपने अपने प्रत्याशियों की घोषणा करके चुनावी सरगर्मी जरूर बढ़ा दी है। बसपा जिला अध्यक्ष शीलू दोहरे ने देर रात अपने 14 प्रत्याशियों की सूचना जारी कर की है।
वहीं लंबे समय से सूबे की सत्ता से बहार रही कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष ने नामांकन के आखिरी दिन में 20 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष मलखान सिंह ने बताया कांग्रेस का इस चुनाव में लंबे समय से कोई वजूद जनपद में नहीं रहा है। लेकिन इस बार कांग्रेस पूरी कोशिश में है कि सपा का 30 वर्षो से जिला पंचायत अध्यक्ष सीट पर चला आरहा कब्जा मुक्त कराना है।
24 वार्ड सदस्यों के लिए होना है चुनाव
जनपद में कुल 24 पंचायत वार्ड, 8 बीडीसी सदस्य, व 471 ग्राम पंचायत के लिए 19 अप्रैल को मतदान होना है। चुनाव में सत्ताधारी पार्टी और मुख्य विपक्षी पार्टी सपा पूरी शिद्दत के साथ प्रचार प्रसार में जुटी है। भाजपा ने अभी तक अपने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के दावेदार की घोषणा नहीं किया है, वहीं सपा से निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष और मुलायम सिंह यादव के भतीजे अभिषेक यादव को सपा ने फिर से प्रत्याशी बनाया गया है।