अफ्रीकी देश इथोपिया में कत्लेआम की दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। यहां के ओरोमिया इलाके में रविवार की रात अमहारा जनजाति के करीब 250 लोगों का कत्ल कर दिया गया। यह हमला देश के ओरोमिया गांव में हुआ है। आशंका है कि विद्रोही गुट ओरोमो लिबरेशन आर्मी (ओएलए) ने इस नृशंस वारदात को अंजाम दिया है। इथोपिया में पिछले कुछ सालों में जनजातीय तनाव की यह सबसे बड़ा खूनी वारदात है।
ओलए के प्रवक्ता ने आरोपों से इनकार किया
हमले में बचे कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने इन हमलों के लिए ओरोमो लिबरेशन आर्मी (ओएलए) को जिम्मेदार ठहराया है। एक बयान में ओरोमिया क्षेत्रीय सरकार ने भी ओएलए को दोषी ठहराया और कहा कि ओएलए ने (संघीय) सुरक्षा बलों द्वारा शुरू किए गए अभियानों का विरोध करने के चलते यह हमला किया।
हालांकि, ओलए के प्रवक्ता ओदा तरीबी ने इन आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने इस वारदात के लिए सेना और स्थानीय मिलिशिया को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि हमारे लड़ाके उस इलाके में कभी नहीं गए, जहां हमला हुआ है।
मैंने खुद 230 शव गिने : सईद ताहिर
स्थानीय निवासी और प्रत्यक्षदर्शी अब्दुल सईद ताहिर ने न्यूज एजेंसी को बताया कि ‘मैंने करीब 230 बॉडी को खुद गिना है। यह हमारे जीवन की सबसे दर्दनाक घटना है, जहां सैकड़ों लोगों को निर्ममता से कत्ल कर दिया गया। फिलहाल हम इनकी लाशों को सामूहिक कब्रगाह में दफन कर रहे हैं और इसी से मरने वालों की संख्या का पता चला। हो सकता है कि संख्या और भी ज्यादा हो।
अमहारा समुदाय के लोगों को 30 साल पहले यहां बसाया गया था एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी शामबेल बताते हैं कि सामूहिक कत्लेआम की और वारदातों के डर के चलते अमहारा समुदाय के लोग अब अपनी दूसरी जगह ठिकाना खोज रहे हैं। उन्होंने कहा कि दरअसल, आदिम जनजाती अमहारा समुदाय के लोगों को पुनर्वास कार्यक्रमों के तहत लगभग 30 साल पहले यहां बसाया गया था, लेकिन अब इन्हें मुर्गे-मुर्गियों की तरह काटा जा रहा है।
बता दें कि इथियोपिया कई क्षेत्रों में व्यापक जातीय तनाव का सामना कर रहा है। जनजातियों के बीच तनाव के कारण ऐतिहासिक और राजनीतिक हैं। इथियोपिया की करीब 11 करोड़ की आबादी के बीच दूसरा सबसे बड़ा जातीय समूह अमहारा समुदाय का है, जिसे अब टार्गेट किया जा रहा है।