इमरान ने संयुक्त राष्ट्र में फिर उगला जहर, भारत का वॉकआउट

 प्रधानमंत्री मोदी, आरआरएस और भारत की सेना पर लगाये कई झूठे आरोप 
– संयुक्त राष्ट्र के मंच का कीमती समय भारत की बुराई करने में खत्म कर दिया 
नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में सभी कूटनीतिक मर्यादाओं को तोड़ते हुए भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जहर उगला। इमरान के विरोध में उस समय यूएनजीए के कांफ्रेंस हॉल में मौजूद भारतीय राजनयिक सदन से बाहर चले गए।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने इमरान खान के वक्तव्य पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह कूटनीतिक क्षेत्र में नई गिरावट है। इमरान खान का बयान जहरीला और झूठा है तथा इसमें भारतीय नेताओं के खिलाफ व्यक्तिगत हमला किया गया है। वक्तव्य युद्ध का उन्माद पैदा करने वाला है।
पाकिस्तान स्वयं सीमा पार आतंकवाद फैला रहा है और अपने यहां अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न कर रहा है। यह हास्यास्पद है कि ऐसा देश इसी आधार पर दूसरे देश पर दोषारोपण कर रहा है। त्रिमूर्ति ने कहा कि भारत उत्तर देने के अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देगा।
इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने संबोधन में भारत विरोधी प्रलाप करते हुए कहा कि मोदी सरकार कश्मीरियों की पहचान खत्म करने पर आमादा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह जर्मनी में नाजियों ने यहूदियों को निशाना बनाया था, वैसे ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत में मुसलमानों और कुछ हद तक ईसाइयों को निशाना बना रहा है। संघ की उग्रवादी विचारधारा के अनुसार भारत केवल हिंदुओं के लिए है और अन्य धर्म के लोगों को समान नागरिक अधिकार नहीं है।
इमरान खान ने कहा कि मोदी सरकार ने महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के धर्मनिरपेक्षता के आदर्श को हिंदू राष्ट्र के निर्माण में बदल दिया है। इसके जरिए वह भारत के 20 करोड़ मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों को गुलाम बनाना चाहता है। अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस का जिक्र करने के साथ ही इमरान खान ने गुजरात में वर्ष 2002 में हुए दंगों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि गुजरात में मुसलमानों का नरसंहार तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की छत्रछाया में हुआ।
उल्लेखनीय है कि इमरान खान ने पिछले वर्ष भी संयुक्त राष्ट्र महासभा में ऐसा ही भड़काऊ भाषण दिया था लेकिन इस बार वह सारी कूटनीतिक मर्यादाओं को पार कर गए। भारतीय प्रतिनिधि को प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान का उत्तर देने का अवसर मिलेगा।

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