मणिपुर अब भी जल रहा है। सरकार लाख दावे कर रहे लेकिन सच यही है कि अब तक वहां पर हालात सामान्य नहीं हो सके हैं। मणिपुर हिंसा की कई खौफनाक कहानियां हमे रोज सुनने को मिलती है लेकिन इसके बावजूद सरकार इसका हल निकालने में नाकाम रही है।
पिछले साल महिलाओं को निर्वस्त्र कर सरेआम परेड कराए जाने की दर्दनाक घटना को कौन भूल सकता है। इस घटना को पीएम मोदी ने ‘राष्ट्रीय शर्म’ करार दिया था।
इस घटना के बाद भी महिलाओं के खिलाफ अपराधों की बर्बरता कम होने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला 7 नवंबर का है और जिरीबाम जिले के एक गांव में हथियारबंद हमलावरों ने एक घर में घुसकर तीन बच्चों की मां को अपनी हवस का शिकार बनाया और रेप के बाद बदन में कीलें ठोंकी और फिर जिंदा जला डाला।
इतना ही नहीं रेप करने से पहले उसके बदन से खेलते रहे और उसे बुरी तरह टॉर्चर किया गया। अटॉप्सी रिपोर्ट से पता चला है कि महिला के साथ जानवरों जैसा सलूक किया गया।
अटॉप्सी रिपोर्ट इतनी भयावह है कि उसके बारे में यहां ज्यादा जिक्र करना यहां पर संभव नहीं है। महिला की बॉडी पूरी तरह से जल चुकी थी। रिपोर्ट के अनुसार महिला का शरीर 99 प्रतिशत तक जल चुका था। इतना ही नहीं हड्डियां तक राख बन गई थीं।
‘दाहिनी जांघ के पीछे एक घाव’ और ‘बाईं जांघ में धातु की एक कील धंसी होने’ की बात है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘दाहिना ऊपरी अंग, दोनों निचले अंगों के हिस्से और चेहरे की संरचना गायब है।’
जी न्यूज़ में छपी खबर के अनुसार महिला के पति ने जो FIR दर्ज कराई, उसमें कहा कि घर के भीतर ‘बेरहमी से हत्या’ किए जाने से पहले उसका बलात्कार किया गया था. हालांकि, असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज में हुए पोस्टमार्टम से यह पता नहीं चल सका कि महिला का रेप किया गया था या नहीं. जानते हैं क्यों? क्योंकि उसके जले हुए शरीर को देखते हुए डॉक्टरों ने योनि से स्मीयर जुटाने की किसी भी संभावना को सिरे से खारिज कर दिया।