इस्लामाबाद से कम्बोडिया जाएगा दुनिया का सबसे अकेला हाथी कहा जाने वाला कावन

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के चिड़ियाघर में छोटी सी जगह पर रखे गए हाथी को अब छोड़ा जाएगा। कावन नाम का यह हाथी 35 साल से बदतर हालात में रहने को मजबूर था। दुनियाभर के एनिमल एक्टिविस्ट उसे छोड़ने के लिए कैंपेन चला रहे थे। लोगों ने इसे ‘दुनिया का सबसे अकेला हाथी’ नाम दिया है। पूरी संभावना है कि इसे कम्बोडिया भेजा जाए। इसकी एक वजह ये है कि कम्बोडिया में हाथियों के लिए हालात बहुत बेहतर हैं। कावन को वहां माहौल और साथी दोनों मिल सकेंगे।

हाथी को खाना खिलाते 'फोर पॉज' के कर्मचारियों के साथ स्थानीय अधिकारी।
हाथी को खाना खिलाते ‘फोर पॉज’ के कर्मचारियों के साथ स्थानीय अधिकारी।

‘फोर पॉज’ नाम की संस्था के प्रवक्ता मार्टिन बॉयर ने कहा- इस्लामाबाद के वाइल्डलाइफ मैनेजमेंट बोर्ड ने उसे दूसरी जगह ट्रांसफर करने के लिए कहा है। भेजने के लिए मेडिकल अप्रूवल मिल गया है। शुक्रवार को उसकी मेडिकल जांच की गई थी। इस हाथी की हालत खराब है।

मेडिकल जांच के दौरान हाथी की सूंड को सहलाकर उसे आराम देते 'फोर पॉज' के कर्मचारी।
मेडिकल जांच के दौरान हाथी की सूंड को सहलाकर उसे आराम देते ‘फोर पॉज’ के कर्मचारी।

शरीर में घाव और टूटे नाखून, मानसिक तौर पर भी बीमार
बॉयर ने कहा- मेडिकल जांच में कावन में कुपोषण के लक्षण मिले। लंबे वक्त तक वो सीमेंटेड फर्श पर रहा। इससे पैर खराब हो गए, नाखून टूट गए। शरीर पर जख्म हैं। वह मानसिक तौर पर भी परेशान है। सिर हिलाता रहता है।

हाथी के घाव पर दवा डालते कर्मचारी।
हाथी के घाव पर दवा डालते कर्मचारी।

उन्होंने कहा- इस हाथी कि रिकवरी में लंबा वक्त लगेगा। हालांकि, वह अभी इस हालत में है कि उसे किसी दूसरी और अच्छी जगह भेजा जा सके। कावन के पार्टनर की 2012 में मौत हो गई थी। तब से वह बदतर हालात में और अकेले रहने को मजबूर है।

कावन हाथी की मेडिकल जांच करते 'फोर पॉज' संस्था के कर्मचारी।
कावन हाथी की मेडिकल जांच करते ‘फोर पॉज’ संस्था के कर्मचारी।

अमेरिकी गायिका ने भी उठाई थी आवाज
कावन को बचाने के लिए दुनियाभर के एनिमल एक्टिविस्ट ने आवाज उठाई थी। अमेरिकी गायिका शैर ने हाथी छोड़ने की अपील की थी। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने मई में चिड़ियाघर को बंद करने के भी आदेश दिए थे। क्योंकि, यहां जानवरों का ध्यान न रखने की कई शिकायतें मिली थीं।

हाथी की लंबाई नापते कर्मचारी।
हाथी की लंबाई नापते कर्मचारी।

इसी जू में लापरवाही से दो शेरों की मौत हुई थी
बॉयर ने बताया कि जुलाई में यहां से दो शेरों को दूसरी जगह ले जाने के दौरान लापरवाही बरतने से उनकी मौत हो गई थी। शेरों को पिंजरे में कैद करने के लिए लोकल कर्मचारियों ने उनके बाड़े में आग लगा दी थी। उन्हें लगा बचने के लिए वे बाड़े से निकलकर पिंजरे में आ जाएगे। लेकिन, इससे शेरों की मौत हो गई।

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