लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ठंड ने दस्तक दे दी है, लेकिन सर्दी से छुटकारा दिलाने वाली लकड़ी और कोयले की कीमतों में आग लग गई है। पिछले एक महीने में लकड़ी और कोयले की कीमतें बढ़कर दोगुनी हो गई हैं।
इनकी कीमतें बढ़ने से लोग ठीक से आग जलाकर अपनी ठण्ड भी नहीं मिटा पा रहे हैं। लोगों का कहना है कि पहली बार दिसंबर के शुरुआती दिनों में कोयले और लकड़ी के दामों में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
आलू, प्याज और टमाटर की कीमतें लोगों को पहले से ही रुला रही थीं, लेकिन हड्डियों को कंपा देने वाली इस कड़कड़ाती ठंड में लकड़ी और कोयले की आसमान छूती कीमतों ने तो लोगों का जीना ही मुहाल कर दिया है।
10 दिनों पहले 20 रूपए किलो बिकने वाला कोयला पैंतीस से चालीस रूपए किलों बिक रहा है तो पिछले दस दिनों में लकड़ी की कीमत भी 6 से 7 रूपए किलो तक पहुंच गई है। मध्यम और गरीब तबके के जो लोग लकड़ी और कोयले की आग से ठण्ड मिटाते थे, उसके दाम सुनते ही लोगों की जेबें ठंडी हो जा रही हैं। लिहाजा लोग ठण्ड की मार से यूं ही ठिठुरने को मजबूर हो गए हैं।
लोगों का कहना है कि कोरोना काल में एक तो रोज़मर्रा की चीज़ों में महंगाई की मार ऊपर से ठंड की शुरुआत में ही कोयले और लकड़ी के दाम आसमान छू रहे है जो अब उनके लिए एक मुसीबत से कम नही है। ठण्ड की वजह से बाज़ार में खपत बढ़ जाने से कुछ दुकानदारों ने दाम दोगुने करने के साथ ही इसे स्टॉक करना भी शुरू कर दिया है।
दुकानदारों का मानना है कि अगले तीन-चार दिनों बाद ठण्ड का कहर और बढ़ सकता है, ऐसे में इसकी डिमांड बढ़ेगी। दुकानदार भी मान रहे हैं कि पिछले साल के मुकाबले इस बार दामों में इजाफा देखने को मिल रहा है।