ऋषिकेश। उत्तराखंड में मानसून शुरुआत से ही खौफनाक रूप दिखा रहा है। कई घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश से नदियां उफान पर हैं। बरसाती नालों में भी पानी बढ़ गया है। ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। जिस कारण अलर्ट जारी किया गया है। गंगा, गोरी, शारदा, अलकनंदा, मंदाकिनी और नंदाकिनी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
ऋषिकेश में लगातार बारिश जारी है। गंगा का जलस्तर 340.34 आरएल मीटर पर पहुंच गया है। गंगा खतरे के निशान से 18 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। परमार्थ निकेतन स्वर्गाश्रम, त्रिवेणी और लक्ष्मण झूला के लगभग सभी गंगा घाट डूब गए हैं। मायाकुण्ड, चंद्रेश्वर नगर में पानी भर गया है।
तपोवन नगर और मुनिकीरेती में आश्रमों और होटलों को अलर्ट जारी किया गया है। टिहरी, पौड़ी और ऋषिकेश प्रशासन लगातार मुनादी करवा रहा है। रायवाला के गौहरी माफी, प्रतीतनगर व श्यामपुर के खदरी माफी में लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा जा रहा है।
पहाड़ी व मैदानी इलाकों में हो रही बारिश के बाद शनिवार सुबह छह बजे हरिद्वार से गंगा में 3.75 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से गंगा उफान पर है।
हरिद्वार में रात दो बजे से गंगा का जलस्तर बढ़ना शुरू हुआ। रात दो बजे गंगा में 2,15,698 क्यूसेक पानी आ गया। रात में ही यूपी सिंचाई विभाग ने भीमगौड़ा बैराज के सभी गेट खोल दिए। इसका पहले ही अलर्ट जारी हुआ था।
पानी का जलस्तर आज सुबह सबसे ज्यादा 3 लाख 92 हजार 104 क्यूसेक पहुंच गया था। पानी के साथ काफी मात्रा में सिल्ट आ रही है। फिलहाल हरिद्वार में जलस्तर बढ़ने से कोई नुकसान नहीं हुआ है।
बैराज खोलने से गंग नहर का पानी बंद हो गया है। गंग नहर में यूपी के लिए 12 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था।
रुद्रप्रयाग जिले में शुक्रवार रातभर बारिश होती रही। रुद्रप्रयाग में रैतोली बाईपास पर पुराना बैली ब्रिज नदी में डूब गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 107 रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग मलबा आने के कारण अवरुद्ध चल रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 58 ऋषिकेश-बदरीनाथ मार्ग सिरोहबगड़, नरकोटा एवं सम्राट होटल के मध्य यातायात हेतु अवरुद्ध चल रहा है।
टिहरी जिले के सभी क्षेत्रों में रात भर से लगातार बारिश हो रही है। फिलहाल नुकसान की कोई सूचना नहीं है। ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर सामान्य रूप से वाहनों का आवागमन हो रहा है। अगस्त्यमुनि में मंदाकिनी का जलस्तर उफान पर है। वहीं लगातार बारिश से श्रीनगर में रात 2 बजे अलकनंदा खतरे के निशान को पार कर गई।
शनिवार की सुबह अलकनंदा का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे हो गया है। जल स्तर बढ़ने पर पुलिस रात में धारी मंदिर पहुंची। श्रीनगर में रात से विद्युत आपूर्ति ठप है। वहीं नदी में गाद आने से आज घरों में पानी नहीं आएगा।
टनकपुर-चम्पावत मार्ग में किरोड़ा पुल से पहले सड़क पर पेड़ गिर गया। अग्निशमन विभाग की टीम ने पेड़ काटकर मार्ग खोला। टनकपुर-पूर्णागिरि मार्ग में किरोड़ा नाला भी उफना गया है।टनकपुर में शारदा नदी उफान पर है। टनकपुर के स्नान घाट में पानी चढ़ गया है। आसपास की आबादी को खतरा हो गया है।
गोरी नदी से मदकोट-जौलजीबी सड़क भदेली में बह गई है, बंगापानी के समीप कई बस्तियां खतरे में आ गईं हैं। पिथौरागढ़-घाट सड़क चार स्थानों पर बंद है। चुपकोट बैंड, दिल्ली बैंड और घाट पुलिस चौकी सहित चार स्थानों पर मलबा आ गया है।
मुनस्यारी-जौलजीबी सड़क तीन स्थानों पर बह गई है। नैनीताल में लगभग 36 घंटे से बारिश हो रही है। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग स्वांला-धौन के पास बंद है। डीडीहाट में 24 घंटे से लगातार बारिश हो रही है।
लगातार हो बारिश चलते भवाली-अल्मोड़ा एनएच में जौरासी के पास मलबा आने से यातायात ठप हो गया है। बारिश के चलते शिप्रा और कोसी नदी उफान पर है।
नंदाकिनी नदी के उफान पर आने से घाट-सलबगड़ सड़क का करीब 20 मीटर हिस्सा बह गया, जिससे क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही ठप पड़ गई है। सड़क बह जाने से वादुक, गुलाड़ी, सितेल, पेरी, कनोल, आला, जोखना, गैरी, सीक, प्राणमति, तंगला, बूरा सहित क्षेत्र के करीब 20 गांवों का संपर्क कट गया है। सड़क के दोनों ओर वाहन फंसे हुए हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी का कहना है कि मौसम सामान्य होने पर सड़क को सुचारु कर दिया जाएगा।
मैदान से लेकर पहाड़ तक दिखने लगा मानसून की सक्रियता का असर
आखिरकार मानसून की सक्रियता का असर अब मैदान से लेकर पहाड़ तक दिखाई देने लगा है। मौसम के बदले मिजाज के चलते शुक्रवार को राजधानी दून समेत पहाड़ से लेकर मैदान तक सुबह जबरदस्त बारिश का नजारा देखने को मिला। बारिश के चलते मैदान से लेकर पहाड़ तक पारा धड़ाम हो गया। परिणाम स्वरूप लोगों ने गर्मी से राहत की सांस ली।
दूसरी ओर मौसम विज्ञानियों ने शनिवार को राज्य के चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जैसे जिलों में कहीं-कहीं पर भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताते हुए रेड अलर्ट भी जारी किया है। राज्य के नैनीताल और चंपावत जैसे जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना व्यक्त की गई है।
मौसम विभाग की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक इन जिलों के अलावा राज्य के अन्य जिलों में विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में तेज गर्जना के साथ तीव्र बौछार पड़ने और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना जताई गई है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक राजधानी दून व आसपास के इलाकों में शनिवार को कुछ जगहों पर बारिश के साथ ही तेज हवाएं चलने की संभावना जताई गई है।