नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र एसोसिएशन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने या उसे निरस्त करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील गौरव यादव ने याचिका दायर किया है। पिछले 6 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 69 हजार शिक्षकों की भर्ती के मामले में फैसला सुनाते हुए प्रदेश सरकार के कटऑफ बढ़ाने के फैसले को सही बताया था। हाईकोर्ट ने इस भर्ती प्रक्रिया को तीन महीने के अंदर पूरा करने का आदेश दिया था।
दरअसल 2019 में उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा के बाद राज्य सरकार ने भर्ती के लिए सामान्य वर्ग के लिए 65 फीसदी और आरक्षित वर्ग के लिए 60 फीसदी कट ऑफ अंक तय किया था। सरकार के इस फैसले को शिक्षा मित्रों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। शिक्षा मित्रों ने सामान्य वर्ग के लिए 45 फीसदी और आरक्षित वर्ग के लिए 40 फीसदी अंक का कट ऑफ तय करने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले को सही बताया था।
इस मामले में उत्तरप्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में केविएट दायर कर रखी है। राज्य सरकार ने कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट बिना उसका पक्ष सुने कोई आदेश जारी नहीं करे।