नई दिल्ली। साढ़े चार साल के कार्यकाल में कई उपलब्धियां हासिल कर चुके पीएम मोदी उद्योग सेक्टर पर दरियादिली के लिए जाने जाते है। उन्होने आज इस बात को सार्वजनिक रूप से स्वीकार भी किया है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उद्योग व्यापार की आलोचना करने की संस्कृति में उनका विश्वास नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, उनका मानना है कि उद्योग जगत अपने कारोबार के साथ-साथ अपनी सामाजिक भूमिका भी निभा रहा है। उन्होंने कहा मैं उन लोगों में से नहीं हूं, जो उद्यमियों के साथ चोरों जैसा व्यवहार करते हैं। जिस देश की अर्थव्यवस्था मजबूत नहीं होगी, उसका संपूर्ण विकास किसी तरह संभव नहीं है। उन्होंने इच्छा जताई कि देश के उद्यमी ईमानदारी से कर अदा करें, साथ ही सामाजिक बदलाव में भी अपना योगदान दें।
प्रधानमंत्री ने आईटी पेशेवरों एवं विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े लोगों को टाउनहॉल संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश में कारोबारियों, उद्योगपतियों को गाली देना सामान्य बात है। मुझे नहीं पता कि इसका कारण क्या है, लेकिन आजकल यह एक फैशन बन गया है। मैं इस प्रकार की सोच से सहमत नहीं हूं। उन्होंने आईटी पेशेवरों और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के दिग्गजों से सामाजिक बदलाव लाने के लिए अपनी विशेषज्ञता और श्रम शक्ति का योगदान देने को कहा। उन्होंने कहा कि हमने आज टाउनहाल के कार्यक्रम में देखा कि कैसे अग्रणी कंपनियां शानदार सामाजिक कार्य कर रही हैं। यह दूसरा मौका है जब पीएम मोदी भारतीय उद्योगपतियों के पक्ष में मुस्तैदी से खड़े हुए।
इससे पहले, जुलाई में मोदी ने कहा था कि वह उद्योगपतियों के साथ खड़े होने से नहीं डरते, क्योंकि उनका मानना है कि देश के विकास में उनका भी उतना ही योगदान है, जितना कि दूसरों क्षेत्र के लोगों का। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार में अधिक लोग कर दे रहे हैं, क्योंकि उन्हें भरोसा है कि उनके धन का उपयोग समुचित तरीके से हो रहा है। उन्होंने कर से आगे बढ़कर भी समाज को कुछ देने की हिमायत की, जिसमें नागरिक ईमानदारी से कर देने के साथ ही थोड़ा समाज के लिए भी योगदान दें।
प्रधानमंत्री ने कहा भविष्य प्रौद्योगिकी पर निर्भर है, जिसका उपयोग दुनिया की तीव्र वृद्धि वाली अर्थव्यवस्था के समक्ष मसलों के समाधान के विकास में किया जाना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम में हाल की तेजी से देश में खुदरा ईंधन की कीमत बढ़ने को लेकर मची घबराहट के बीच मोदी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाना इसका जवाब है और वह चाहते हैं कि घरेलू सामाजिक उद्यमी कम लागत वाला माडल विकसित करें जिसमें सस्ती और आसानी से चार्ज होने वाली बैटरी हो।
कार्यक्रम में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, काग्नीजेंट, टेक महिंद्रा और माइंडट्री जैसी कंपनियों ने उनके और उनके कर्मचारियों द्वारा समाज के लिये किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने हाल में पेश ‘सेल्फ 4 सोसाइटी’ के समर्थन को लेकर अपनी प्रतिबद्धता भी दिखाई। नया पोर्टल ‘सेल्फ4 सोसाइटी डाट माइजीओवी डाट इन’ का नाम ‘मैं नहीं हम’ रखा गया है। यह कंपनियों के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा, जो वित्तीय साक्षरता, वित्तीय समावेश, स्वच्छ भारत जैसे सामाजिक कार्यों के लिए अपनी प्रौद्योगिकी, कौशल और मानव संसाधन का योगदान कर सकेंगे। प्लेटफार्म पर 85 आईटी कंपनियां पहले ही अपना पंजीकरण करा चुकी हैं। इन कंपनियों के कर्मचारियों की संख्या दो करोड़ है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा भारत में करदाताओं का आधार बढ़ा है।
इसका कारण दंडात्मक कार्रवाई का डर नहीं बल्कि करदाताओं का भरोसा है कि उनका धन समुचित रूप से और लोगों के कल्याण के लिए उपयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि कर देना प्रकृति है और कर नहीं देना विकृति है, लेकिन कर के अलावा कुछ और देना संस्कृति है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं ईमानदार करदाताओं की सराहना करता हूं, जिनकी संख्या बढ़ी है। सामाजिक सेवा कर के अलावा कुछ और देना है। हमें इस संस्कृति की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि विपक्षी पार्टियां खासतौर पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पीएम मोदी पर उद्योगपतियों के दोस्त होने का आरोप लगातार लगाते रहे है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी का यह संबोधन राहुल गांधी को जवाब है।