उप्र में सीरो सर्विलांस शुरू, प्रत्येक जनपद में लिए जाएंगे 1080 लोगों के नमूने

लखनऊ। प्रदेश में लोगों में एंटीबॉडी (प्रतिरोधक क्षमता) का पता लगाने के लिए 11 जनपदों में आज से सीरो सर्विलांस शुरू किया जा रहा है। इस कार्य को करने वाली स्वास्थ्य टीम को दो चरणों में ट्रेनिग दी जा चुकी है, जिसके बाद इसका प्रारम्भ किया गया है।
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक राज्य के 11 जनपदों में लखनऊ, कानपुर नगर, वाराणसी, गोरखपुर, आगरा, प्रयागराज, कौशाम्बी, बागपत, मुरादाबाद, गाजियाबाद और मेरठ में यह काम शुरू किया जा रहा है।
इसके लिए पहले चरण की ट्रेनिंग 01 सितम्बर और दूसरे चरण की ट्रेनिंग 03 सितम्बर को की जा चुकी है। अब आज 04 सितम्बर से 06 सितम्बर के बीच चयनित समूह से प्रत्येक जनपद में 1,080 लोगों का ब्लड सैंपल लिया जाएगा। यह सैम्पल राजधानी के किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में भेजे जाएंगे और यहां एलिसा टेस्ट के माध्यम से एंटीबॉडी की जांच की जाएगी।
अहम बात है कि इस सीरो-सर्विलांस में गैर संक्रमित लोगों के साथ उन्हें भी शामिल किया जाएगा, जो कोरोना संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं। ये सामुदायिक अध्यन्न है। इससे कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए भविष्य में योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी। एक टीम में डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन समेत चार प्रत्येक जिले में गठित की जाने वाली 10 टीमों में प्रत्येक टीम में चार सदस्य होंगे। इनमें एक डॉक्टर, एक लैब असिस्टेंट, एक लैब टेक्नीशियन, एक एएनएम और एक आशा वर्कर होगी।
एक टीम एक क्षेत्र के चार अलग-अलग जगहों के छह घरों को रैंडम तरीके से चिह्नित कर वहां 18 से 59 साल की उम्र के लोगों के रक्त के नमूने लेगी। इस तरह 24 लोगों का एक समूह तैयार किया जाएगा। 24 लोगों के इस समूह में 12 पुरुष और 12 महिलाएं होनी चाहिए। इस समूह का निर्धारण 2011 की जनगणना के आधार पर किया जाएगा।
टीम के डॉक्टर रैंडम के तरीके से रक्त लेने के साथ ही सैंपल कलेक्शन, कलेक्शन को भिजवाने और उसे दर्ज करने की पूरी प्रक्रिया को मॉनिटर करेंगे। लैब टेक्नीशियन सैंम्पल लेगा। एएनएम और आशा कार्यकत्री मोबिलाइजर का काम करेंगी।

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