हल्द्वानी। उत्तराखंड में भारी बारिश से नैनीताल जिले में हर ओर तबाही का मंजर है। मंगलवार दोपहर दो बजे तक जिले में 40 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी थी। मृतकों में 16 मजदूर, पांच स्थानीय लोग और दो बच्चे भी शामिल हैं। जबकि भीमताल में एक बच्चे और ओखलकांडा के दूरस्थ गांव थलाड़ी में पांच लोगों के मलबे में दबे होने की सूचना है। झुतिया के पास भूमिया गांव से भी एक बच्चा लापता है।
पहले ही बदहाल संचार व्यवस्था अब पूरी तरह से ठप हो चुकी है। इस कारण प्रशासन व आपदा प्रबंधन के अधिकारी रेस्क्यू टीमों से संपर्क तक नहीं कर पा रहे हैं। नैनीताल जिले के क्वारब में हाईवे निर्माण में लगे दो मजदूरों की टीन शेड पर पहाड़ी से मलबा गिरने से उनकी मौत हो गई।
प्रबंधक तैयब खान ने बताया हादसे में हसमूद (40) और इमरान (34) निवासी भोजीपुरा बरेली उत्तर प्रदेश की मौत हो गई है।
रामगढ़ ब्लॉक के झुतिया सुनका में एक बड़ा बोल्डर घर पर गिरने से सड़क निर्माण कार्य में लगे नौ मजदूरों की दबकर मौत हो गई है। प्रधान सुरेश मेर ने बताया गांव तक आने वाली सड़क क्षतिग्रस्त है। जिस मकान में हादसा हुआ वह कभी भी गिर सकता है। इससे और जानें जाने का खतरा है। बिना प्रशासन की मदद के शव नहीं निकाले जा सकते।
मारे गए लोगों के नाम व पते भी अब तक नहीं मिल पाए हैं। झुतिया के पास भूमिया गांव में भी तीन लोगों की मौत हो गई। एक अन्य घटना धारी तहसील के दोषापानी में हुई। यहां भी सड़क निर्माण में लगे पांच मजदूरों की दीवार के नीचे दबने से मौत हो गई। एसडीएम धारी योगेश सिंह ने बताया कि दोषापानी के निकट एक दीवार का निर्माण कर रहे मजदूर झोपड़ी बनाकर रह रहे थे।
भारी बारिश के कारण देर रात झोपड़ी के पीछे की दीवार अचानक भरभरा कर गिर गई। इसमें पांच मजदूरों की मौत हो गई है। एक घायल मजदूर को अस्पताल पहुंचाया गया है। मृतकों की पहचान धीरज कुमार कुशवाहा (24), इम्तियाज (20), जुम्माराती (25) तीनों जिला पश्चिमी चम्पारण बिहार व हरेंद्र कुमार (37) व विनोद कुमार (21) निवासी मधुबनपुर, आम्बेडकरनगर उत्तर प्रदेश के रूप में हुई है। घायल काशीराम (20) निवासी, थाना राठी पश्चिम चम्पारण बिहार को अस्पताल में भर्ती है। जहां उसकी हालत नाजुक बनी है।
ट्रैकिंग रूट से लेकर यात्रा मार्ग और नदी किनारे पर ठहरे लोग फंसे
सोमवार – मंगलवार देर रात प्रदेश में आई आपदा के चलते एसडीआरएफ की टीमें रातभर बचाव और राहत अभियान में जुटी रहीं। एसडीआरएफ ने इस दौरान छह सौ से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में कामयाबी हासिल की। प्रदेश भर एसडीआरएफ की 29 स्थानों पर पोस्ट हैं। मौसम विभाग की ओर से भारी बारिश की चेतावनी के बाद, सभी टीमों को पहले ही हाई अलर्ट पर रखा गया था।
इसी क्रम में एसडीआरएफ कमांडेंट नवनीत भुल्लर कंट्रोल रूम में डटकर, रातभर राहत और बचाव अभियान की निगरानी करते रहे। इस दौरान बारिश से हो रहे नुकसान, सड़क मार्ग पर फंसे वाहनों, पैदल मार्गों पर फंसे यात्रियों की जानकारी जुटाकर उन तक टीमें पहुंचाने का काम किया गया।
बल की टीमों ने गौमुख ट्रैकिंग रूट, केदारनाथ पैदल मार्ग के साथ ही जगह बाढ़ और मलबे में फंसे लोगों को बचाने का काम किया। मंगलवार दोपहर बाद तक बल की टीमों ने छह सौ लोगों को सुरक्षित निकालने में कामयाबी हासिल की।
केदारनाथ में ठंड से बाबा दंडी भारती की मौत
केदारनाथ में बीते कई सालों से रह रहे बाबा दंडी भारती का मंगलवार को निधन हो गया। बताया जा रहा है कि मंगलवार सुबह 5 बजे ठंड अधिक बढ़ने से उनकी मौत हुई है। उधर, रुड़की के लंढौरा में बारिश के दौरान एक दीवार गिरन जाने से नौ माह के बच्चे की मौत हो गई।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से लिया अपडेट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट से फोन पर राज्य में आपदा और राहत बचाव कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने मुख्यमंत्री को हर संभव मदद का भरोसा दिया और केंद्रीय एजेंसियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए।
राहत-बचाव को मिले सेना के तीन हेलीकॉप्टर
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने बताया कि, सेना के तीन हेलीकॉप्टर को आपदा को लेकर संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया जा रहा है। सभी डीएम से बारिश की वजह से किसानों की फसलों को हुए नुकसान की रिपोर्ट मांगी गई है।
पुलिया टूटने से कई गांवों का संपर्क कटा
सोमवार सुबह से हुई मूसलाधार बारिश से गौला की बाढ़ ने पूरे किच्छा क्षेत्र जमकर तबाही मचाई। किच्छा डैम फाटक तेज बहाव से क्षतिग्रस्त गए। कई बस्तियां पानी में डूब गईं। पानी बस्तियों में घुसने से लगभग एक दर्जन घर क्षतिग्रस्त एवं एक पुलिया टूट गई। प्रशासन ने डूबी बस्तियों में बचाव कार्य चला कर लोगों को बाहर निकाला।