ऋषि सुनक के ब्रिटेन का PM बनने में ये महिला नेता बनीं रोड़ा

नई दिल्ली। ब्रिटेन में महाराष्ट्र जैसे सियासी घमासान के बाद प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पिछले महीने किसी तरह से ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब हुए थे लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका।

उनकी कुर्सी चली गई है। ब्रिटेन में चार कैबिनेट मंत्री समेत 40 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद बोरिस जॉनसन पर भी इस्तीफे का दबाव बढ़ गया। हालांकि, जब तक नया प्रधानमंत्री नहीं चुन लिया जाता, तब तक वो इस पद पर बने रहेंगे।

ऐसे में अब बड़ा सवाल ये हैं कि ब्रिटेन का अगला पीएम कौन होगा। नया पीएम चुनने के लिए टोरी पार्टी की ‘1922 समिति’ के अध्यक्ष सर ग्राहम ब्रैडी ने कहा, ‘निश्चित ही 5 सितंबर को हम पार्टी के नए निर्वाचित नेता की घोषणा कर चुके होंगे. इस काम में कोई देरी नहीं की जाएगी…

इस रेस में भारतीय मूल के राजनेता है। इतना ही नहीं पीएम पद की इस रेस में एक नहीं बल्कि तीन-तीन भारतीय मूल के राजनेता हैं। उनमें पहला नाम सबसे ऊपर आ रहा है वो फ्रंट रनर ऋषि सुनक हैं. जो कुछ घंटे पहले ही ब्रिटेन के वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था।

जबकि इसके बाद पीएम पद की रेस में भारतीय मूल की एक महिला सुएला ब्रेवरमैन का नाम भी सबसे ऊपर चल रहा है। सुएला ब्रेवरमैन इस वक्त ब्रिटिश कैबिनेट में अटॉर्नी जनरल के तौर पर काम कर रही है। वहीं तीसरा नाम है कि प्रीति पटेल का है। प्रीति पटेल इस वक्त ब्रिटेन की होम सेक्रेटरी के तौर पर काम कर रही है।

उधर सांसदों के समर्थन के मामले में भले ही ऋ षि सुनक भले ही आगे माने जा रहे हो लेकिन सट्टेबाजों का भरोसा किसी और पर भी है। वो हैं पेनी मोर्डेंट। उनको लेकर ब्रिटिश अखबार द्वारा कंजर्वेटिव पार्टी के कार्यकर्ताओं के सर्वे में भी पेनी मोर्डेंट सबसे आगे बताया जा रहा है।

कौन हैं पेनी मोर्डेंट?

49 साल की पेनी मोर्डेंट अपने गृह क्षेत्र पोर्ट्समाउथ से सांसद हैं। साल 2005 में उन्होंने चुनाव लड़ा था लेकिन उनको जीत नसीब नहीं हुई थी क्योंकि लेबर पार्टी के सामने हार का मुंह देखना पड़ा था। हालांकि इसके बाद वो हार नहीं मानी और साल 2010 में दोबारा चुनाव मैदान में उतरीं और जीत हासिल की। उन्होंने इस चुनाव को 7000 से ज्यादा वोट विजय हासिल की थी।

सांसद बनने से पहले पेनी मोर्डेंट कंजर्वेटिव पार्टी की एक्टिव सदस्य थीं। 1995 में ग्रेजुएशन करने के बाद वे कंजर्वेटिव पार्टी की ओर से हेड ऑफ यूथ भी रहीं। इसके बाद वे टोरी पार्टी की ब्रॉडकास्टिंग हेड भी बनाई गईं। इसके बाद वे पार्टी में कई अहम पदों पर भी रहीं। सबसे अहम बात ये है कि उन्होंने इस्तीफा नहीं था जैसा कि अन्य हाल ही में इस्तीफे दिए थे।

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