कानपुर। कानपुर से 39 किमी दूर चौबेपुर थाना क्षेत्र में बिकरू गांव है। यह वही गांव है जहां 2 जुलाई की रात गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने उस समय के बिल्हौर के सीओ देवेंद्र मिश्र समेत 8 पुलिसवालों की हत्या कर दी थी। इस गांव में 10 दिन पहले तक लोग अपनी जिंदगी में मशगूल रहते थे, आज उनके चेहरे पर मायूसी और खौफ है। पहले गैंगस्टर विकास दुबे के आतंक का खौफ था, अब पुलिस की कार्रवाई का। विकास को छोड़कर इस गांव में रहने वाले पांच लोगों का एनकाउंटर किया गया है। अब विश्वास बहाली के लिए गांव में रैपिड एक्शन फोर्स लगाई गई है।
शिलान्यास के पत्थर से विकास का नाम हटाया
शुक्रवार सुबह विकास का एनकाउंटर होने के बाद गांव में उसके आतंक का खौफ धीरे-धीरे खत्म होने लगा है। यहां के रहने वाले कुछ लोगों का कहना है कि हमारी 70-80 साल पुरानी बाप-दादा की जमीनें थीं। विकास ने जबरदस्ती हमसे छीनकर दूसरी पार्टी को दे दीं। उसके मारे जाने से कुछ डर कम हुआ, इसलिए पुलिस को बता पाए, अगर पहले कहते तो मारे जाते। एक युवक ने यहां सड़क निर्माण के लिए लगाए गए शिलान्यास के पत्थर से विकास का नाम हटा दिया। उसने कहा कि गांव से इसका नाम-ओ-निशान मिट जाना चाहिए।
गलियां सूनी, पुलिस मुनादी कर रही
गैंगस्टर विकास का खात्मा हुए एक दिन बीत चुका है, फिर भी उसके गांव की गलियां सूनी हैं। यहां स्थानीय लोगों से ज्यादा पुलिसकर्मी और मीडिया के लोग नजर आ रहे हैं। पुलिस यहां मुनादी कर रही है कि मुठभेड़ के दौरान पुलिस के जो हथियार लूटे गए थे, किसी को उनकी जानकारी हो तो 24 घंटे के अंदर बता दे, नहीं तो पुलिस कार्रवाई करेगी।
लोग डर के कारण पुलिस के सामने राेने लगते हैं
बिकरू गांव में पुलिस के 150 जवानों के साथ एक बटालियन आरआरएफ के जवान भी नजर आ रहे हैं। विकास के ढहाए गए घर के बाहर पुलिसवालों और आरआरएफ ने घेराबंदी कर रखी है। पुलिस गांववालों से बात करने की कोशिश कर रही है, लेकिन दहशत के कारण कुछ लोग पुलिस के सामने रोने लगते हैं। पुलिसवाले उन्हें समझाते हुए घटना के बारे में सही जानकारी देने के लिए कह रहे हैं। अभी भी गांववाले विकास के खिलाफ बोलने से डर रहे हैं।
अभी भी पुलिस के रडार पर गांव के कई लोग
पुलिस सूत्रों के अनुसार, विकास के मारे जाने के बाद भी पुलिस/एसटीएफ के रडार पर बिकरू और आसपास के गांव के लोग भी हैं। लगभग 500 लोग ऐसे हैं जिनके मोबाइल सर्विलांस पर लगाकर पुलिस जांच कर रही है। 200 पुलिसवालों पर भी एसटीएफ के रडार पर हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि घटना के दिन से अब तक गांव के हर मकान की चेकिंग की गई और यहां के हर व्यक्ति से दो-तीन बार पूछताछ की गई। गांव के कई लोग ऐसे हैं जिन पर पुलिस को अभी भी शक है। इसके चलते कुछ मकानों में पुलिस ने कड़ी नाकाबंदी कर रखी है।