लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कानपुर में 8 पुलिसवालों की हत्या करने वाले 50 हजार का इनामी विकास दुबे 36 घंटे बाद भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के साथ पुलिस के आला अधिकारी उसकी तलाश में कानपुर में कैंप कर रहे हैं। इसी बीच, विकास समेत 35 लोगों के खिलाफ हत्या और हथियारों की लूट का केस दर्ज कराया गया है। पुलिस की 100 टीमें तलाश में लगाई हैं। यूपी की सीमा को सील कर दिया गया है। परिवारवालों से पूछताछ की जा रही है।
विकास के परिवार में पत्नी, दो बच्चे, मां-पिता के अलावा मामा हैं। शुक्रवार सुबह पुलिस ने मामा समेत दो को मुठभेड़ में मार गिराया था। वहीं, लखनऊ में रह रही विकास की मां ने कहा कि मेरे बेटे का एनकाउंटर कर दिया जाए। इसका मुझे तनिक भी दुःख नहीं होगा।
बड़ा इंग्लैंड और छोटा बेटा कानपुर में पढ़ाई कर रहा
विकास जितना बड़ा कुख्यात बदमाश है, उसका परिवार उतना ही सरल नजर आता है। अब उसके अपराध की कीमत परिवार को भी चुकानी पड़ रही है। विकास का बड़ा बेटा इंग्लैंड में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है जबकि दूसरा बेटा कानपुर में ही रहकर इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रहा है। एक भाई दीपू दुबे है जो लखनऊ स्थित आवास में मां सरला के साथ रहता है। मां का कहना है कि विकास के कारण पूरे परिवार को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बेहतर है कि वो खत्म हो जाए।
बहू को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम पुरस्कृत कर चुके हैं
विकास की मां सरला काफी समय से बीमार चल रही हैं। वह कहती हैं- छोटे बेटे दीपू की पत्नी अंजली बिकरु गांव में 10 साल प्रधान रहीं। उसके काम से खुश होकर तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पुरस्कृत कर चुके हैं। दिल्ली में एक समारोह में कलाम ने अंजली के कार्यों की खूब तारीफ की थी। फिलहाल, अंजली का इन सबसे कोई लेना-देना नहीं है। मां का कहना है कि उनके पति रामकुमार गांव में ही रहते हैं। लंबे अरसे से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई है।
लखनऊ में विकास के घर ताला लगा मिला
लखनऊ में पुलिस छोटे भाई दीप प्रकाश की पत्नी अंजली और उसकी भांजी को पूछताछ के लिए थाने लेकर गई है। अंजली के नाम लाइसेंसी रिवॉल्वर जब्त कर ली है। दीप प्रकाश का मोबाइल बंद जा रहा है। वह घटना के बाद से फरार है। विकास का कृष्णानगर कोतवाली क्षेत्र के इंद्रलोक कॉलोनी में घर है। जब पुलिस यहां गई तो ताला लगा मिला। इसे तोड़कर एक-एक कमरे की तलाशी ली गई।
संपत्ति और बैंक खातों को खंगाल रही पुलिस
विकास पर दबाव बनाने के लिए पुलिस ने उसके बैंक खाते और संपत्ति की जांच शुरू कर दी है। बिकरु गांव के स्थानीय लोगों की मानें तो विकास के नाम पर कोई संपत्ति नहीं है। उसने परिजन समेत रिश्तेदारों के नाम पर संपत्ति बनाई है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, गांव में ही डेढ़-दो सौ बीघा खेतीलायक जमीन है, जबकि कानपुर में 30 से ज्यादा विवादित प्लाटों पर उसका कब्जा है। गांववालों के मुताबिक, विकास के पास करीब 100 करोड़ की संपत्ति होगी।
यूपी का बॉर्डर सील, नेपाल के रास्ते पर चौकसी बढ़ाई
विकास दुबे का 36 घंटे बाद भी कोई सुराग नहीं मिल रहा है। तलाश में 100 पुलिस टीमें लगी हैं। इनमें 8 एसटीएफ की टीमें हैं। अब तक लखनऊ, कन्नौज, सोनभद्र, वाराणसी, प्रयागराज, मथुरा, सहारनपुर और बांदा में छापे मार गए हैं। यूपी के सभी बॉर्डर सील कर दिए गए। एसटीएफ को नेपाल बॉर्डर तक अलर्ट किया गया है।
एसटीएफ की रडार पर विकास के खास 5 आदमी
सूत्रों के मुताबिक, विकास के गैंग में यूं तो कई लड़के थे, जो उसके इशारे पर किसी भी घटना को अंजाम दे देते थे। लेकिन 5 खास लोग चिह्नित किए गए हैं, जो एसटीएफ की रडार पर हैं। यह पांचों लोग हमेशा विकास के साथ रहते थे।
- हीरू: विकास का खास आदमी। वित्तीय काम देखता है। कहां किससे कब पैसा लाना है- कहां कितना पैसा पहुंचाना है, यह सब इसके ही जिम्मे रहता है।
- गोपाल सैनी: यह विकास की जमीनों का काम देखता है। यही विकास का मुख्य धंधा है। किसी भी विवादित जमीन को कब्जा करना या फिर किसी शरीफ आदमी की जमीन पर कब्जा कर उसे छोड़ने की एवज में वसूली करने जैसे काम सब इसी के जिम्मे हैं। यही जमीनों की टिप भी विकास को देता था।
- अमर दुबे: यह विकास का पर्सनल बॉडी गार्ड है, जो हमेशा असलहे से लैस रहता है। यह विकास पर आने वाली किसी विपत्ति को सबसे पहले खुद पर झेल लेता है।
- गुड्डू शुक्ला: यह विकास के साथ ही रहता है। यह अन्य कामों के बारे में मदद करता है। गांव में किसको क्या जरूरत है। गैंग में नया, पुराना कौन। किससे क्या काम लेना है, यह सब जिम्मेदारी गुड्डू की है।
- बड्डे दुबे: यह विकास के खाने पीने हर छोटी बड़ी जरूरतों का ख्याल रखता है। बड्डे इन पांचों में विकास का सबसे विश्वासपात्र भी है।