एक सीरीज के रद्द होने से भारतीय जिम्नास्टों के ओलंपिक में पहुंचने की उम्मीदें समाप्त

नई दिल्ली| विश्व कप के एक सीरीज के रद्द होने से महिला जिम्नास्टिक दीपा करमाकर सहित अन्य भारतीय जिम्नास्टों के इस साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक में पहुंचने की उम्मीदें समाप्त हो गई हैं।

कोरोना महामारी के कारण दो विश्व कप को रद्द किया गया है जबकि अंतरराष्ट्रीय जिम्नास्टिक महासंघ (एफआईजी) ने मार्च में होने वाले एक अन्य विश्व कप को स्थगित कर दिया है। रद्द किए गए विश्व कप में से एक का आयोजन इस महीने तथा दूसरे का अगले महीने होना था।

द्रोणाचार्य अवार्डी और दीपा के कोच बिशेश्वर नंदी ने आईएएनएस से कहा, “हम तैयार हैं लेकिन ओलंपिक क्वालीफिकेशन प्रणाली में बड़ा बदलाव आया है। क्वालीफिकेशन अंक हासिल करने के लिए कोई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट नहीं है। मुझे नहीं पता कि आगे की क्या प्रक्रिया होगी।”

नंदी के अनुसार ओलंपिक क्वालीफिकेशन अंक हासिल करने के लिए तीन ओलंपिक क्वालीफायर्स में भाग लेना जरूरी है।

रियो ओलंपिक में भाग लेने वाली 27 वर्षीय दीपा को मार्च 2019 में घुटने में चोट लगी थी जिसके कारण वह अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भाग नहीं ले सकी थीं।

नंदी ने कहा, “ओलंपिक का टिकट हासिल करने के लिए एथलीट को 90 अंक चाहिए होते हैं और फिलहाल दीपा के पास इसके आधे से भी कम अंक हैं। हम विश्व संस्था का आधिकारिक रुप से कुछ कहने का इंतजार कर रहे हैं।”

यूरोप में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन मिलने से एफआईजी ने 25 फरवरी से होने वाले कोटबस विश्व कप और अगले महीने चार मार्च से बाकु में होने वाले विश्व कप को रद्द कर दिया जबकि दोहा में 10 मार्च से होने वाले विश्व कप को स्थगित कर दिया गया।

दीपा ने 2016 में हुए रियो ओलंपिक में चौथा स्थान हासिल कर इतिहास रचा था। हालांकि वह .150 के अंतर से कांस्य पदक जीतने से चूक गई थीं। दीपा ने 15.066 का स्कोर किया था जबकि स्विटजरलैंड की गियुलिया स्टेइनग्रबर ने 15.216 का स्कोर कर कांस्य पदक जीता था।

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