एनकाउंटर केस:मानवाधिकार आयोग ने यूपी के डीजीपी से छह हफ्ते में मांगा जवाब

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में बीते 9 अगस्त को पूर्वांचल के बाहुबली मुख्तार अंसारी के शॉर्प शूटर राकेश उर्फ हनुमान पांडेय का सरोजिनी नगर थाना क्षेत्र में एनकाउंटर हुआ था। इस एनकाउंटर मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यूपी डीजीपी से छह हफ्ते के भीतर जवाब तलब किया है। आयोग ने यह कार्रवाई एक्टिविस्ट डॉक्टर नूतन ठाकुर की शिकायत पर की है। एनकाउंटर पर परिवार वालों ने भी सवाल उठाए थे। आयोग ने 23 अक्टूबर 2020 को सुनवाई की अगली तारीख तय की है।

पिता ने कहा था- घर से उठाकर बेटे को मारा गया

डॉक्टर नूतन ने कहा कि जिस प्रकार से राकेश का एनकाउंटर हुआ, उससे कई सवाल उठ रहे हैं। उसके पिता रिटायर्ड फौजी बालदत्त पांडेय के अनुसार राकेश को पुलिस द्वारा घर से उठा कर एनकाउंटर कर दिया गया. उन्होंने यह भी कहा कि राकेश पर ज्यादातर केस खत्म हो गए थे और उस पर इनाम कब घोषित हुआ, इसकी उन लोगों को कोई जानकारी नहीं है।

शिकायत के अनुसार एसटीएफ ने सुबह एक लाख के इनामिया होने का दावा किया, जबकि शाम से इसे 50 हजार इनामी बताया गया। इतना ही नहीं, प्रयागराज के औद्योगिक क्षेत्र थाने में दर्ज जिस एफआईआर के आधार पर राकेश पर इनाम घोषित करने की बात की जा रही है, उसमें उसका नाम ही नहीं है।

एसटीएफ का दावा है कि उसने इनोवा का पीछा किया। इनोवा पेड़ से टकराकर रुक गई और बदमाशों ने उतरकर एसटीएफ की टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। जबकि, जो इनोवा पेड़ से टकराई उसमें खास डेंट तक नहीं आया। जिस इनोवा गाड़ी से बदमाश भाग रहे थे, उसकी नंबर प्लेट आगे और पीछे दोनों एक ही स्थान से टूटी मिली है।

मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद गिरोह का सबसे शूटर था हनुमान

मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या के बाद हनुमान पांडेय मुख्तार अंसारी गिरोह का बड़ा शूटर बन गया था। वह मऊ के कोपागंज का रहने वाला था। उस पर एक दर्जन से ज्यादा हत्या, लूट जैसे संगीन केस दर्ज हैं। वह भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में भी आरोपी था। लेकिन कोर्ट ने बरी कर दिया था।

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