नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन विकसित करने के रूस के दावे पर दुनियाभर की निगाहें हैं। इस मामले पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि रूस में विकसित कोरोना वैक्सीन के असर की वैज्ञानिक स्तर पर जांच होनी चाहिए। यह वैक्सीन संक्रमण रोकने में कारगर और सुरक्षित साबित होती है तो इसका बड़े पैमाने में उत्पादन करने की क्षमता भारत के पास है।
डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि रूस के वैक्सीन के असर की वैज्ञानिक स्तर पर जांच होनी चाहिए। अगर जांच में यह वैक्सीन सुरक्षित और कारगर साबित होती है तो इसका लाभ सभी को मिलना चाहिए।