लॉस एंजेल्स। पहली एशियाई-अमेरिकी महिला, उपराष्ट्रपति पद की दावेदार कमला देवी हैरिस ने ज़ोरदार शब्दों में कहा कि अमेरिका को आज ऐसे राष्ट्रपति की ज़रूरत है, जो सब से अलग हो। सभी समुदायों को साथ ले कर चले, चाहें वह अश्वेत हो, लेटिनो हो, एशियन अमेरिकन हो अथवा देसी हो।
उन्होंने कहा कि इस अपार संभावनाओं एवं अवसरों वाले देश में दुनिया भर से आए लोगों ने कंधे से कंधा मिला कर मिलजुल कर इस देश को आगे बढ़ाया है। इसकी विरासत, परंपराओं और मूल्यों के लिए क़ुर्बानियाँ दी हैं, उसे किसी भी क़ीमत पर व्यर्थ नहीं जाने दिया जा सकता।
उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी स्वीकार करते हुए उन्होंने भरोसा दिलाया कि मौजूदा परिस्थितियों में जोई बाइडन एक मात्र ऐसे इंसान, कुशल प्रशासक और सब समुदायों को साथ लेकर चलने वाले डेमोक्रेट राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं, जो देश को नए क्षितिज तक ले जाने में सक्षम हैं।
ट्रम्प ज़िम्मेदारी निभाने में अक्षम : डेमोक्रेटिक कन्वेंशन के तीसरे दिन अमेरिका के सभी बड़े न्यूज़ चैनलों, बड़े अख़बारों में वर्चुएल संबोधन में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन, पहली अमेरिकी महिला स्पीकर नैंसी पेलोसी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की अक्षमताओं की चर्चा करते हुए कहा कि ट्रम्प इस पद के लिए बने ही नहीं हैं।
ओबामा ने कहा उन्हें उम्मीद थी कि ट्रम्प इस देश की अस्मिता, डेमोक्रेसी और इसके मूल्यों को गंभीरता से लेते हुए अपनी ज़िम्मेदारी का तनिक भर अहसास दिलाएँगे, लेकिन वह झूठ और प्रपंच से पद की गरिमा को संरक्षित रखने में नाकाम रहे हैं, कर भी नहीं सकते। कोविड में कितने लोग मरे, दुर्भाग्यपूर्ण है।
ओबामा ने फ़िलाडेल्फ़िया के अमेरिकी क्रांति के संग्रहालय से वर्चुअल आक्रामक अन्दाज़ में कहा कि ट्रम्प ने देश की समस्याओं से निपटने में अपनी असीम शक्तियों और ज़िम्मेदारी में कोई रुचि नहीं दिखाई। उन्होंने देश की जानता से अपील की कि ऐसे व्यक्ति के हाथों में चार साल और सत्ता सौंपने का कोई औचित्य नहीं है।
इसके विपरीत जोई बाइडन एक जूझारू, बेहतर पारिवारिक और देश की धड़कनों को जानते हैं। देश को आगे ले जाने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि बाइडन ने कमला हैरिस को चुन कर एक अच्छा काम किया है और दोनों मिल कर देश की इकानमी, डेमोक्रेसी को आगे ले जा सकते हैं, ग़रीबी, आतंकवाद से लोहा ले सकते हैं।
कमला ने माँ श्यामला और विरासत को याद किया: वेलमिंगटन, डेलेवर से वर्चुएल संबोधन में भारतीय मूल की कमला हैरिस ने नए अवसर और संभावनाओं की तलाश में दशकों पूर्व अमेरिका आई अपनी माँ श्यामला (तमिलनाडु) को याद किया। उन्होंने कहा कि उनकी माँ अपने कामकाज पर जाने से पहले उनकी छोटी बहन माया और उनके लिए लंच पैकेट बना कर जाती थी ।
उन्होंने जिस तरह पारिवारिक ज़िम्मेदारियों का निर्वाह करते हुए उनके लालन-पालन में सहयोग दिया, यह उसी का प्रताप है कि उनके मैन में आज अपने समुदाय, देश को साथ ले कर चलने की भावनाएँ जागी हैं। देती थी। उन्होंने कहा कि उनके पिता जमैका से थे, एक बेहतरीन अर्थशास्त्री थे, दोनों में प्रेम विवाह हुआ , परिवार के प्रति ज़िम्मेदारियों निभाईं ।
उनका कहना था कि भारतीय शैली, परंपराओं की बदौलत वह पहले डिस्ट्रिक्ट अटार्नी, स्टेट अटार्नी जनरल और फिर सिनेटर बन पाई । कमला ने ट्रम्प पर कड़े कटाक्ष करते हुए कहा कि उनकी अक्षमताओं से भय लगने लगा है, अकेलापन महसूस होने लगा है। ऐसे में एक ही विकल्प है कि उन से मुक्ति के लिए एकजुट हो जाएँ।