नई दिल्ली. कोरोना के बढ़ते हुए मामलों के मद्देनज़र केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को ऑनलाइन खरीददारी की सलाह दी है. इस सलाह के बाद कन्फेडरेशन ऑफ़ आल इण्डिया ट्रेडर्स का गुस्सा उबाल पर आ गया है. कन्फेडरेशन ने महसूस किया है कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी यह विज्ञापन देश के आठ करोड़ व्यापारियों के व्यापार को चौपट कर सकता है.
कन्फेडरेशन ने देश भर में फैले अपने आठ करोड़ व्यापारियों के परिवारों से आह्वान किया है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में वह तभी अपने मताधिकार का इस्तेमाल करें जबकि सरकार उन्हें ऑनलाइन वोटिंग की सुविधा मुहैया कराये, वर्ना कोविड का दौर है. व्यापारियों के परिवार खुद को सुरक्षित रखें. वोट देने के लिए मतदान केन्द्र पर जाने से वह संक्रमण का शिकार हो सकते हैं.
कन्फेडरेशन ने 26 अक्टूबर को दिल्ली में अपने शीर्ष निकाय बोर्ड की बैठक बुलाई है. इस बैठक व्यापारी अपनी भविष्य की रणनीति तय करेंगे. व्यापारियों के आक्रामक तेवर देखते हुए यह स्पष्ट है कि स्वास्थ्य मंत्रालय को अपना यह विज्ञापन बहुत भारी पड़ने वाला है.
कन्फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया और महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है कि एक तरफ पीएम मोदी लोकल फॉर वोकल की बात करते हैं वहीं दूसरी तरफ ई-कामर्स व्यापार को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन खरीददारी को बढ़ावा देकर धूर्त विदेशी कम्पनियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश भी की जा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने आत्मनिर्भर भारत की कल्पना को नुक्सान पहुंचाने की पहल की है.
कन्फेडरेशन ने इस बात पर कड़ा प्रतिरोध जताया है कि ऑनलाइन शापिंग को बढ़ावा देकर सरकार छोटे व्यवसाइयों को नुक्सान पहुंचाने की कोशिश में लगी है. ऑनलाइन शापिंग की वजह से ऑफ़लाइन बाज़ार खतरे में आ गया है. यह हमारे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.
व्यापारी नेताओं नव कहा है कि एक तरफ वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल देश के कानून के पालन पर जोर देते हैं तो दूसरी तरफ पहले नीति आयोग और उसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ऑनलाइन शापिंग को बढ़ावा देने की बात करने लगता है. दरअसल यह विदेशी कम्पनियों को बढ़ावा देने की कोशिश है.
कन्फेडरेशन ने कहा है कि विदेशी निवेश वाली इन कम्पनियों ने पहले ही सस्ते दामों पर माल बेचकर ऑफ़लाइन व्यापारियों को बर्बादी की कगार पर ला खड़ा किया है. हम व्यापारी त्यौहार के दिनों में अपनी कमाई की उम्मीद करते हैं लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने हमारी इस उम्मीद को भी तोड़ दिया है. सरकार की धूर्तता का जवाब अब चुनावों में ऑनलाइन वोट से दिया जायेगा. वोट चाहिए तो ऑनलाइन इंतजाम करो.