ऑस्ट्रेलिया में बेंच पर रहे देवदत्त पडिक्कल का बल्ला फिर चमका

वडोदरा: देवदत्त पडीक्कल और रविचंद्रन स्मरण के मुश्किल पिच पर स्पिनरों का डटकर सामना करने के बाद बनाए गए अर्धशतकों की मदद से कर्नाटक ने हरियाणा को छह विकेट से हराकर विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में प्रवेश किया। हरियाणा के 238 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए कर्नाटक की शुरुआत अच्छी नहीं रही जिसमें कप्तान और उसके सबसे ज्यादा रन बनाने वाले मयंक अग्रवाल पहले ही ओवर में आउट हो गये।

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पडिक्कल और स्मरण में शतकीय साझेदारी

इसके बाद देवदत्त पडिक्कल (86 रन, आठ चौके, एक छक्का) और स्मरण (76 रन, तीन चौके, तीन छक्के) ने तीसरे विकेट के लिए 128 रन की साझेदारी की जिससे कर्नाटक ने यह लक्ष्य 47.2 ओवर में पांच विकेट पर 238 रन बनाकर हासिल कर लिया। अब चार बार की चैम्पियन कर्नाटक का सामना खिताब के लिए विदर्भ और महाराष्ट्र के बीच होने वाले मैच के विजेता से होगा।

मयंक अग्रवाल के आउट होने के बाद केवी अनीश (22 रन) ने पहला रन बनाने के लिए 14 गेंद का सामना किया और धीमी पिच पर सहज नहीं लगे। लेकिन क्वार्टरफाइनल में बड़ौदा के खिलाफ 102 रन बनाने वाले देवदत्त और 21 वर्ष के स्मरण ने संयम से खेलकर अपने अर्धशतक पूरे किये। पडिक्कल को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सिर्फ एक टेस्ट खेलने का मौका मिला था। उसके बाद लगातार चार मैच में वह बेंच पर रहे।

हरियाणा के बल्लेबाज नहीं चले

इससे पहले कर्नाटक के गेंदबाजों ने हरियाणा को बैकफुट में रखा। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अभिलाश शेट्टी ने 34 रन देकर चार विकेट झटके जबकि लेग स्पिनर श्रेयस गोपाल ने 36 रन देकर दो और तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा ने 40 रन देकर दो विकेट हासिल किये।

हिमांशु राणा (44 रन) और कप्तान अंकित कुमार (48 रन) ने दूसरे विकेट के लिए 70 रन जोड़े। लेकिन इसके बाद कोई साझेदारी नहीं बनी। बल्कि अंतिम विकेट के लिए अनुज ठकराल और अमित राणा की जोड़ी द्वारा बनाये 39 रन की बदौलत टीम नौ विकेट पर 237 रन का सममानजनक स्कोर तक पहुंचने में सफल रही।

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