लखनऊ। राजधानी लखनऊ में बुधवार देर रात एक अनियंत्रित कंटेनर ने आगे जा रही बोलेरो को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर के बाद बोलेरो गाड़ी कंटेनर में फंसी रही गई और 100 मीटर तक घिसटती चली गई। इसके चलते बोलेरो में सवार चाचा-भतीजा समेत चार लोगों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला।
सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने गैस कटर से बोलेरो की चादर काटकर घायलों को बाहर निकाला। तत्काल उन्हें सीएचसी ले जाया गया। जहां चाचा की मौत हो गई। जबकि भतीजे व उसके दोस्त ने ट्रामा सेंटर में दम तोड़ा। बोलेरो ड्राइवर की हालत नाजुक है।
सरोजिनी नगर क्षेत्र में हुआ हादसा
इंस्पेक्टर आनंद शाही ने बताया कि कौशांबी के रहने वाले अनवारूल हक (40 साल) तकरीबन तीन वर्ष बाद विदेश से लौटकर वापस आए थे। अनवारूल हक को रिसीव करने लिए उसका भतीजा हलीम अपने दोस्त बबलू के साथ बोलेरो से एयरपोर्ट आया था। रात तकरीबन 11 बजे ड्राइवर वसीम समेत चारों वापस हो रहे थे। लेकिन सरोजिनी नगर के दरोगा खेड़ा में कानपुर रोड पर पीछे से आ रहे एक कंटेनर ने बोलेरो में जोरदार ठोकर मार दी।
टक्कर से बोलेरो कंटेनर में फंस गई और तकरीबन सौ मीटर तक घिसटती चली गई। इस दौरान बोलेरो में सवार अनवारूल हक‚ हलीम‚ बबलू व चालक वसीम गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। बोलेरो में चारों को फंसा देख पुलिस ने कटर मशीन मंगाई और लोहे की चादर काटकर घायलों को बाहर निकाला।
पुलिस ने सभी घायलों को सरोजिनी नगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती करवाया। जहां डॉक्टरों ने अनवारूल हक को मृत घोषित कर दिया। इसके अलावा घायल हलीम‚ बबलू व चालक वसीम को ट्रामा सेंटर भेज दिया। पुलिस ने बताया कि ट्रामा सेन्टर में हलीम व बबलू की मौत हो गई। जबकि चालक वसीम की हालत गंभीर बनी हुई है।
खुशियां मातम में बदल गई
अनवारूल काफी दिनों बाद अपने घर लौट रहा था। इसलिए सभी उसके आने का इंतजार कर रहे थे। लेकिन हादसे से सभी खुशियां गम में तब्दील हो गई। अनवारुल की पत्नी शमा परवीन और उसके दोनों बेटे खुशी में फूले नहीं समा रहे थे। लेकिन गांव में कोहराम मच गया। बताया जाता है कि बबलू के परिवार में पत्नी शबनम और दो बच्चे, जबकि हलीम के परिवार में पत्नी किताबुन निशा और तीन बच्चे हैं।