नई दिल्ली: कच्चे तेल के दामों में लगातार कमी आ रही है। मार्च से लेकर अब तक इसमें 19 फीसदी की कमी आ चुकी है। वहीं दूसरी ओर तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम नहीं कर रही हैं। इससे आम लोगों को राहत नहीं मिल रही है। कच्चे तेल की कीमत का सबसे ज्यादा फायदा तेल कंपनियां उठा रही हैं। मार्च से लेकर अब पेट्रोल पर तेल कंपनियों का मुनाफा 15 रुपये प्रति लीटर बढ़ गया है। वहीं डीजल पर यह मुनाफा 12 रुपये प्रति लीटर बढ़ा है।
अब चूंकि हरियाणा समेत कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में सरकार तेल की कीमतें कम कर आम आदमी को राहत दे सकती है। सूत्रों के मुताबिक सरकार आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए तेल की कीमतों में 2 से 3 रुपये प्रति लीटर की कमी कर सकती है। हालांकि यह फैसला कब लिया जाएगा, इसके बारे में कोई तारीख तय नहीं हुई है। माना जा रहा है कि सरकार इस बारे में अगले कुछ दिनों में फैसला ले सकती है।
मार्च में कच्चे तेल की कीमत करीब 84 डॉलर प्रति बैरल थी। अभी इसकी कीमत करीब 68 डॉलर प्रति बैरल रह गई है। ऐसे में इसकी कीमत में अब तक प्रति बैरल 16 डॉलर यानी करीब 19 फीसदी की कमी आई है। बात अगर हफ्ते भर की करें तो इसमें करीब 4 डॉलर की कमी देखने को मिली है। कच्चे तेल की कीमत गिरने के बावजूद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई कमी नहीं आई है।
कच्चे तेल की कीमत में कमी से भारत को काफी बचत होती है। एक डॉलर प्रति बैरल की गिरावट से भारत के आयात बिल पर सालाना बचत 13 हजार करोड़ रुपये की होती है। चूंकि ऑइल कंपनियां खुद को घाटे में बताती रही हैं, ऐसे में उन्हें मुनाफे में लाने तक पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाए गए। अब कंपनियां मुनाफा कमा रही हैं। साथ ही कच्चे तेल के दाम भारत सरकार के टारगेट 85 डॉलर से नीचे हैं। ऐसे में पेट्रोल-डीजल के दाम कम हो सकते हैं।
क्या सस्ती होगी तेल की कीमत?
आने वाले कुछ दिनों में सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमत कम कर सकती है। रेटिंग एजेंसी इक्रा के मुताबिक अगर कच्चे तेल के दाम स्थिर रहते हैं, तो पेट्रोल-डीजल की कीमत में 2 से 3 रुपये प्रति लीटर की कटौती की जा सकती है। इस समय देश में सबसे महंगा पेट्रोल और डीजल आंध्र प्रदेश में है। यहां पेट्रोल 108.46 रुपये प्रति लीटर और डीजल 96 रुपये प्रति लीटर है।